पटना : बंदी की मौत के बाद हाथ, पैर, जांघ पर मिले चोट के निशान

बेऊर जेल : थानेदार पर पिटाई का आरोप पटना : बेऊर जेल के बंदी प्रवीण राम (27) की शनिवार की दोपहर इलाज के दौरान मौत हो गयी. उसके दो दिन पहले बेऊर जेल से लाकर पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. मौत के बाद पीएमसीएच ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मृतक के दांये-बांये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2019 9:34 AM
बेऊर जेल : थानेदार पर पिटाई का आरोप
पटना : बेऊर जेल के बंदी प्रवीण राम (27) की शनिवार की दोपहर इलाज के दौरान मौत हो गयी. उसके दो दिन पहले बेऊर जेल से लाकर पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. मौत के बाद पीएमसीएच ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मृतक के दांये-बांये हाथ की क्लाई में काले धब्बे थे, बांये पैर के एंडी के ऊपर, पीठ, जांघ, और कुल्हे पर काले धब्बे थे.
यह काले धब्बे किसी प्रकार के दाग नहीं हैं, बल्कि चोट लगने से हुआ है.प्रवीण राम के परिजनों का आरोप है कि प्रवीण को शराब के साथ फुलवारी शरीफ के थानेदार कैसर आलम ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद लाठी-डंडे से उसकी बुरी तरह से थाने में पिटायी की गयी और फिर जेल भेजा गया. सहायक जेल अधीक्षक त्रिभुवन सिंह का कहना है कि जेल में हालत बिगड़ने पर उसे पीएमसीएच भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गयी है. इसके बाद मृतक का वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया है.
कैसर आलम एक बार फिर विवादों में घिरे : अक्सर विवादों में रहने वाले इंस्पेक्टर कैशर आलम कैदी के परिजनों के आरोप व पीएमसीएच की रिपोर्ट के बाद फिर विवादों में आ गये हैं. घरवालों के सीधे आरोप से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल प्रवीण गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के भिखारी ठाकुर पुल गुमटी के पास का रहने वाला है. उसके पिता अशोक की मौत हो चुकी है.
प्रवीण ही घर चलाता था. शराब बेचने के आरोप में दो दिन पहले फुलवारीशरीफ पुलिस ने उसे पकड़ा था. लेकिन उसकी इतनी पिटायी कर दी गयी कि उसकी हालत बिगड़ गयी. जेल जाने पर और तबीयत खराब हो गयी. जेल प्रशासन ने पीएमसीएच भर्ती कराया, लेकिन उसकी जान नहीं बची. अब मौत के बाद प्रवीण के घरवाले आक्रोशित हैं.
शराब नहीं मिलने से प्रवीण था बेचैन, इलाज के लिए लिखा था पत्र
बेऊर जेल अधीक्षक ने पीएमसीएच अधीक्षक को 19 जुलाई को पत्र लिखकर यह जानकारी दिया था कि प्रवीण राम शराब का लती है. बिन शराब के वह नहीं रह सकता है. जेल में आने के बाद उसे शराब नहीं मिल रही है, इसलिए वह काफी बेचैन है और हालत खराब है. इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा जा रहा है. इधर, पीएमसीएच में 20 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
जुडिशियल जांच में फंस सकते हैं थानेदार
प्रक्रिया के तहत बेऊर जेल का बंदी होने के कारण प्रवीण की मौत के बाद जुडिशियल जांच करायी जायेगी. इसमें अगर शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिलने की पुष्टि होती है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पिटायी से मौत होने की पुष्टि होती है तो थानेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

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