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दो महीने में बनाएं दीघा नियमावली

पटना : पटना हाइकोर्ट ने नगर विकास विभाग को दो महीने के भीतर दीघा आवासीय अधिनियम, 2010 की नियमावली बनाने को कहा है. न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने सरकार से कहा कि यदि दो महीने में नियमावली नहीं बनेगी, तो अवमाननावाद का मुकदमा चलाया जायेगा. कोर्ट के इस निर्देश के बाद […]

पटना : पटना हाइकोर्ट ने नगर विकास विभाग को दो महीने के भीतर दीघा आवासीय अधिनियम, 2010 की नियमावली बनाने को कहा है. न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने सरकार से कहा कि यदि दो महीने में नियमावली नहीं बनेगी, तो अवमाननावाद का मुकदमा चलाया जायेगा.

कोर्ट के इस निर्देश के बाद नगर विकास विभाग को एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करनी होगी, जो 1024 एकड़ में बसे लोगों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया की तहकीकात करेगी. सरकार ने इस संबंध में 2010 में ही अधिनियम बनाया है. कोर्ट के इस निर्देश से राजीव नगर, राधा नगर, नेपाली नगर व केसरी नगर में रह रहे लोगों के जमीन आवंटन की समस्या का समाधान होगा.

अतिक्रमण मामले में दो माह की मोहलत : हाइकोर्ट ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों की जमीन से अतिक्रमण हटाने के मामले में सरकार को दो महीने की मोहलत दी है. न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व पीके झा के कोर्ट ने अधिकारियों को सभी मेडिकल कॉलेजों की जमीन के मूल कागजातों को कोर्ट में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं. कोर्ट ने इस संबंध में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मामले में गुरुवार को जिलाधिकारी को दस्तावेज लेकर हाजिर होने का निर्देश दिया था.

सोलर लाइट खरीद मामले में तीन जिलों की मांगी रिपोर्ट : हाइकोर्ट ने शुक्रवार को सोलर लाइट खरीद मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पहले तीन जिलों बक्सर, वैशाली और भोजपुर की जांच रिपोर्ट मांगी है. न्यायाधीश वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी भी की. उन्होंने कहा कि यहां नस-नस में अराजकता भर गयी है, तो इसे दूर करना बहुत कठिन होगा. याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कहा कि सभी पंचायतों में सोलर लाइट खरीद मामले में गड़बड़ी हुई है. इसलिए सभी जगहों की जांच करानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि नमूने के तौर पर तीन जिलों की जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद सभी जिलों की जांच करायी जायेगी.

शिक्षा पदाधिकारी संभाल रहे मापतौल का काम : हाइकोर्ट ने मापतौल विभाग के खाली पदों को शीघ्र भरे जाने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश वीएन झा व पीके झा के खंडपीठ ने दो महीने के अंदर पदों को भरे जाने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने बताया कि मापतौल इंस्पेक्टर के 93 पद खाली हैं. 57 जगहों पर मापतौल इंस्पेक्टर के पद भरे गये हैं, जिनमें 21 ही प्रशिक्षित हैं.

बाकी सभी जगहों पर बीइओ को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कोर्ट को बताया गया कि मापतौल इंस्पेक्टर के रूप में प्रखंड शिक्षा अधिकारी कार्यरत हैं. कोर्ट ने इस पर कहा कि बिना प्रशिक्षण के किस प्रकार मापतौल इंस्पेक्टर कार्यरत हैं. यही कारण है कि सब्जी से लेकर पेट्रोल की मिलावट की जांच नहीं हो रही.

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