सभी गांवों में डोर टू डोर उठेगा कचरा
पटना : नगरपालिकाओं के तर्ज पर अब गांवों से भी घर-घर से कचरे का उठाव किया जायेगा. पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि दो अक्तूबर (गांधी जयंती) तक इसकी व्यवस्था कर लें. सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि सभी 8391 ग्राम पंचायतों के एक लाख 14 […]
पटना : नगरपालिकाओं के तर्ज पर अब गांवों से भी घर-घर से कचरे का उठाव किया जायेगा. पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि दो अक्तूबर (गांधी जयंती) तक इसकी व्यवस्था कर लें. सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि सभी 8391 ग्राम पंचायतों के एक लाख 14 हजार वार्डों से डोर टू डोर गीला और सूखा कचरा एकत्र किया जायेगा.
इसके बाद इसको अलग किया जाये और फिर कचरे का प्रबंधन किया जाये. इस मद में खर्च के लिए पंचायतें आम सहमति से स्वच्छता शुल्क वसूल सकती हैं. पंचायतों को यह भी छूट दी गयी है कि वह खर्च की राशि अपने संसाधनों से या 14वें वित्त आयोग के अनुदान व पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान से जुटा सकती हैं.
यह माना जा रहा है कि प्रति पंचायत सालाना 10 लाख से कम राशि में ही साफ-सफाई की पक्की व्यवस्था हो सकती है. पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि गांवों को भी शहरों के तर्ज पर साफ-सुथरा बनाया जाये. उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए हर घर को दो डस्टबीन दिये जायेंगे. साथ ही हर दो वार्ड पर एक छोटी ठेला गाड़ी की व्यवस्था की जानी है.
सभी डीएम को कहा गया है कि दो वार्डों पर स्वच्छता कर्मी इसका संयुक्त रूप से संचालन करेंगे. पंचायत को वार्ड के हर घर से सूखा व गीला कचरा का उठाव करना है. इसके लिए अलग-अलग कूड़ेदान रखे जायेंगे. हर गांव में पंचायत द्वारा निर्धारित स्थल पर वर्मी कंपोस्ट इकाई तैयार करने का भी प्रावधान किया गया है.
यह काम पंचायतों में जीविका संगठनों के माध्यम से भी कराया जा सकता है. अगर जीविका संगठन इस कार्य के लिए तैयार नहीं हो तो आउटसोर्सिंग के जरिये ठोस कचराप्रबंधन कराया जा सकता है. ठोस कचरे से वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है, जिसकी बिक्री कर पंचायतें अपने संसाधनों में वृद्धि कर सकती हैं. पंचायतों में हर 15 दिनों पर नालियों में चक्र के अनुसार सफाई और चूना व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.