ड्यूटी से गायब रहे 182 डॉक्टरों को भेजा नोटिस

पटना : एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम ने राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों का अलग-अलग समय पर निरीक्षण किया, जिसके दौरान 182 चिकित्सक शिक्षक अनुपस्थित पाये गये थे. इनमेें 30 नियमित और 152 संविदा वाले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है. गैरहाजिर सभी डॉक्टरों से एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2019 4:57 AM

पटना : एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम ने राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों का अलग-अलग समय पर निरीक्षण किया, जिसके दौरान 182 चिकित्सक शिक्षक अनुपस्थित पाये गये थे. इनमेें 30 नियमित और 152 संविदा वाले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है. गैरहाजिर सभी डॉक्टरों से एक सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

इन डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित 182 चिकित्सकों के खिलाफ आंतरिक विभागीय प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. स्पष्टीकरण व आंतरिक जांच में दोषी पाये जाने पर चिकित्सकों की संविदा और टेन्योर को समाप्त कर दिया जायेगा. साथ ही नियमित चिकित्सकों के विरुद्ध भी उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
सात दिनों के अंदर मांगा जवाब, तिथिवार निरीक्षण से हुआ खुलासा
एमसीआइ की टीम ने मार्च-मई में छह मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर में सात मार्च और 16 मई को निरीक्षण किया गया. वहां 41 संविदावाले व 11 नियमित चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये. जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, मधेपुरा में 10 मई को निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान 16 संविदा और 11 नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे.
वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, पावापुरी में चार मई को निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान पांच संविदा वाले व दो नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, बेतिया में चार मई को निरीक्षण किया गया. इस दौरान कुल 12 संविदा और दो नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे.
अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, गया में तीन मई को निरीक्षण किया गया. उस समय कुल 24 संविदा और एक नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में 15 अप्रैल को निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान कुल 54 संविदावाले और तीन नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे.

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