पटना को हरा-भरा बनाने को क्या कार्रवाई की गयी, हाइकोर्ट ने सरकार व नगर निगम से पूछा

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और पटना नगर निगम से पूछा है कि पटना को हरा-भरा रखने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. कोर्ट ने शहर में पिछले दो वर्षों में लगाये गये पेड़ों की पूरी जानकारी भी देने को कहा है. न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 24, 2019 9:29 AM
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और पटना नगर निगम से पूछा है कि पटना को हरा-भरा रखने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. कोर्ट ने शहर में पिछले दो वर्षों में लगाये गये पेड़ों की पूरी जानकारी भी देने को कहा है.
न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ ने सड़क निर्माण के दौरान सड़क किनारे के पेड़ों की हो रही कटाई-छंटाई , डिवाइडर पर पेड़-पौधे की कमी और पौधारोपण के अभाव में शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दायर एक लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने सख्त अंदाज में टिप्पणी करते हुए पूछा कि पेड़ों की कटाई कैसे हो रही हैं?
क्या शहर में सार्वजनिक स्थलों के पेड़ों की नंबरिंग की गयी है? पेड़ों के काटने के बाद वहां पुनः पौधारोपण किये जाने की कोई कार्ययोजना सरकार व निगम के पास है? कोर्ट ने कहा कि पटना की चौड़ी सड़कों के डिवाइडर पर घास तक नहीं है. वहां छोटे पौधे क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं.
याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पुराने पेड़ों की कटाई होने के बाद दोबारा कहीं भी पौधारोपण नहीं किया जा रहा है. शहर में धूल से होने वाला प्रदूषण खतरनाक स्तर पर आ चुका है. गर्मी में फुटपाथ पर खड़ा रहना खतरनाक है, क्योंकि बड़े पेड़ काटे जा रहे हैं.
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि सरकार पेड़ लगाने की कार्ययोजना को कोर्ट में जल्द पेश करेगी. कोर्ट ने सरकार या नगर निगम की ओर पिछले दो साल में लगाये गये सभी पेड़ों की पूरी जानकारी देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 मई को निर्धारित किया है.

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