शहरी वोटरों को बूथ पर लाना चुनौती, ग्रामीणों से 70% उम्मीद

अनिकेत त्रिवेदी , पटना : इस बार लोकसभा चुनाव में पटना जिले में वोट फीसदी बढ़ने के कई प्रयास किये गये हैं. जिला निर्वाचन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं अगर बीते लोकसभा चुनाव में बढ़ते ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो पिछली बार लोकसभा में 18 फीसदी तक वोट का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 13, 2019 4:31 AM

अनिकेत त्रिवेदी , पटना : इस बार लोकसभा चुनाव में पटना जिले में वोट फीसदी बढ़ने के कई प्रयास किये गये हैं. जिला निर्वाचन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं अगर बीते लोकसभा चुनाव में बढ़ते ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो पिछली बार लोकसभा में 18 फीसदी तक वोट का इजाफा हुआ था.

इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार यहां 60 फीसदी से अधिक वोट पड़ सकते हैं, लेकिन अगर बीते लोकसभा व विधानसभा का ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाये तो मामला 50 से 52 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है. जिला निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों की मानें तो शहरी वोटरों को बूथ पर लाना बड़ी चुनौती है.
अगर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 70 फीसदी वोट पड़ता है, तभी जिले के औसत प्रतिशत में इजाफा हो सकता है. कुल मिला कर देखने वाली बात होगी कि बीते दो माह से चले रहे निर्वाचन के मतदाता जागरूकता का कितना असर आम मतदाताओं पर पकड़ने वाला है.
ऐसे बढ़ा है जिले का वोट
पटना जिले में लोकसभा 2014 में पटना जिले का औसत 52 फीसदी रहा था. इसमें पटना साहिब 52 फीसदी और पाटलिपुत्र लोकसभा में 52 फीसदी का मतदान था. इसमें 2009 के मुकाबले पटालिपुत्र में 10.83 फीसदी का इजाफा और पटना साहिब में 18.33 फीसदी का इजाफा हुए था.
जानकारी के अनुसार 2004 के लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र में मात्र 41.17 फीसदी और पटना साहिब में मात्र 33.65 फीसदी की वोटिंग हुई थी. वहीं बीते 2015 के विधानसभा में वोट फीसदी की बात करें तो जिले का वोट प्रतिशत 52.82 फीसदी और 2010 में मात्र 48.47 फीसदी वोट की पोलिंग हुई थी.
पांच लाख लोगों की जागरूकता का दावा
इस बार जिला निर्वाचन कार्यालय दावा कर रहा है कि इस बार पांच लाख से अधिक लोगों को इवीएम व वीवीपैट को लेकर जागरूक किया गया है. इसमें दो लाख 70 हजार लोगों को हाथ से बताकर जानकारी दी गयी है. बीते दो माह से जिले में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम किये जा रहे हैं. प्रशासन का दावा है कि दो हजार से अधिक कार्यक्रम किये जा चुके हैं.
सभी बूथों पर इवीएम व वीवीपैट को लेकर दिखाया जा रहा है. इस बार मतदान केंद्रों पर कई बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं. दिव्यांग वोटरों को आने-जाने की सुविधा दी जा रही है. कोई मतदाता छूटे नहीं के तर्ज का कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में इस बार वोटिंग बढ़ने की पूरी संभावना है.

Next Article

Exit mobile version