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उच्च तकनीकी, वैज्ञानिक संस्थानों में बेटियों की भागीदारी बढ़ाया जाना जरूरी : राष्ट्रपति

पटना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने को अनिवार्य बताते हुए गुरुवार को एनआईटी पटना के छात्रों से कहा कि वे कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कार्य करें और नवाचार के जरिये किसानों का फायदा बढ़ाने में सहयोग करें. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), पटना के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 15, 2018 6:52 PM

पटना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने को अनिवार्य बताते हुए गुरुवार को एनआईटी पटना के छात्रों से कहा कि वे कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कार्य करें और नवाचार के जरिये किसानों का फायदा बढ़ाने में सहयोग करें. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), पटना के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत का राष्ट्रपति होने के नाते मैं 150 केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों का विजिटर हूं. शिक्षा के क्षेत्र में मेरी विशेष रुचि रही है क्योंकि मेरा मानना है कि शिक्षा ही व्यक्ति, परिवार, समाज और देश की प्रगति का आधार होती है. इसलिए मैं देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में जाकर विद्यार्थियों के साथ संवाद कायम करने का प्रयास करता रहता हूं.’

राष्ट्रपति ने कहा कि प्राय: सभी संस्थानों में यह देखने को मिला कि हमारी बेटियों का शैक्षणिक प्रदर्शन बहुत ही प्रभावशाली है, लेकिन तकनीकी संस्थानों में एक अलग प्रवृति देखने को मिल रही है. राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह के दौरान स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि विजेताओं में केवल एक ही पदक बेटी को मिला है. उन्होंने कहा कि इस संस्थान से स्नातक की उपाधि पाने वाले 733 में से 96 यानि लगभग 13 प्रतिशत ही बेटियां हैं. यही स्थिति अन्य तकनीकी संस्थानों में भी देखने को मिलती है. इस स्थिति में सुधार लाना अत्यंत आवश्यक है. उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में हमारी बेटियों की भागीदारी बढ़ाना अनिवार्य है.

राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें ‘‘मिसाईल वुमन’ के नाम से जाने जानी वाली डाॅ. टेस्सी थामस जैसी महिला ‘‘टेकनालोजी लीडर’ की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार देश के पूर्वी प्रदेशों के विकास के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध है. डिजिटल अर्थव्यवस्था और चौथी औद्योगिक क्रांति में पटना को औद्योगिक एवं वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि युवा पीढ़ी के टेकनाॅलोजी लीडरों और नवउद्यमियों के नेतृत्व में यहां आधुनिक आधारभूत संरचना, अच्छी सड़कें, आईटी और बायो तकनीकी हब तथा आईटीईएस के क्षेत्रों में भी सफलता हासिल की जायेगी.

राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया में वही देश तरक्की कर रहे हैं जो नवाचार और नयी तकनीक को प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में तकनीक के क्षेत्र में देश ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है. सिंगापुर से लेकर सिलिकान वैली तक हमारे देश के नौजवान नये कीर्तिमान रच रहे हैं. अपने देश में भी इसी प्रकार की सफलता का स्तर प्राप्त करने के लिए प्रयास हो रहे हैं. इस प्रसंग में सभी विद्यार्थियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. आज तकनीक और नवाचार के बदलते दौर में आपके सामने देश को एक नये मुकाम पर ले जाने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है. मुझे विश्वास है आप इस अवसर का पूरा पूरा उपयोग करेंगे.

रामनाथ कोविंद ने कहा कि एनआईटी पटना का शोध कार्य बिहार और देश की विभिन्न समस्याओं का समाधान निकालने में सहायक होना चाहिए. इससे पूर्व समस्तीपुर जिला के पूसा स्थित डाॅ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में अपने भाग लेने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने एनआईटी पटना के छात्रों से कहा कि वे कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कार्य करें और नयी खोजों के जरिये किसानों की उत्पादक्ता और उनका लाभ बढ़ाने में सहयोग करें.

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि 65 प्रतिशत युवा आबादी वाला भारत एक युवा भारत है और आज हम तेजी से विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर न्यू इंडिया के निर्माण की ओर अग्रसर हैं. एनआईटी पटना के पूर्व छात्र रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पूर्व बिहार में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सात निश्चय के तहत चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जारी कर रही है.

इससे पूर्व सुबह जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर राज्यपाल लालजी टंडन एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुष्पगुच्छ देकर राष्ट्रपति का स्वागत किया. इस अवसर पर राज्य के कई मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. एनआईटी पटना के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति दिल्ली रवाना हो गये.

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