पटना : गलती कोई करे और खामियाजा कोई दूसरा भुगते, बिहार बोर्ड कुछ इसी तरह हर साल करोड़ों कमा लेता है. वर्षों से वह ऐसा कर रहा है. फिलहाल यूं कहना कि खुद गलती करके उसे सुधारने के नाम पर भुक्तभोगी परीक्षार्थियों की जेब ढीली करके मालामाल हो जाने की कला अगर किसी को सीखनी हो, तो बिहार बोर्ड इसका बेहतर मॉडल हो सकता है, कहना गलत नहीं होगा. इस साल वह इंटर के घोषित रिजल्ट में हुई गलतियों काे सुधारने के नाम पर डेढ़ करोड़ से अधिक की कमाई करने जा रहा है.
दरअसल घोषित रिजल्ट में भारी पैमाने पर होने वाली गड़बड़ियों की स्क्रूटनी के नाम पर बोर्ड विद्यार्थियों से करोड़ों रुपये की वसूली कर रहा है. बोर्ड ऐसा हर साल करता है. हाल ही में बोर्ड द्वारा घोषित इंटर के परीक्षा परिणाम में त्रुटियां इसका उदाहरण है, जिसमें सुधार को लेकर विद्यार्थी हैरान-परेशान हैं. सुधार की उम्मीद लिये उन्होंने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है. ऐसे विद्यार्थियों की संख्या करीब 1 लाख 39 हजार है व कॉपियों की संख्या करीब 3 लाख बतायी जाती हैं. प्रत्येक विद्यार्थी ने औसतन दो-तीन विषयों में स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है.
दो करोड़ से अधिक आय : जानकारी के अनुसार सिर्फ स्क्रूटनी के नाम पर बोर्ड को दो करोड़ रुपये से अधिक आय हुई है. एक विषय की कॉपी का स्क्रूटनी शुल्क 70 रुपया निर्धारित किया गया था. जिन विद्यार्थियों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है, उनमें कइयों ने एक या इससे अधिक विषय की कॉपी की स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है.
क्या कहते हैं छात्र
रिजल्ट में जो भी त्रुटि रही है, वह बोर्ड की गलती है, हमारी नहीं. बावजूद स्क्रूटनी के आवेदन के साथ शुल्क लिया जाता है. गलती बोर्ड करता है और हर्जाना हम भरते हैं.
—रंजन कुमार, विद्यार्थी
हमारे संगठन की ओर से नि:शुल्क स्क्रूटनी की मांग की गयी थी, लेकिन बोर्ड ने नहीं माना. त्रुटियों को देखते हुए परीक्षा की कॉपियों को भी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की गयी थी, इससे भी बोर्ड ने इन्कार कर दिया. इन सबके विरोध में संगठन ने राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति बनायी है.
—सुशील कुमार, राज्य सचिव, एआईएसएफ
गायब कॉपियों की खोज में जुटी तीन जिलों की पुलिस
गायब कॉपियों की तलाश में पुलिस अधिकारियों के पसीना छूट रहे हैं. पुलिस के अधिकारी बिहार के तीन जिलों के अलावा यूपी में भी खाक छान रहे हैं. भले ही पुलिस एक कॉपी बरामद कर पूरे मामले की उद्भेदन करने की दावा कर रही हो, लेकिन कॉपियों के बरामद नहीं होने से अधिकारी परेशान हैं. तीन जिलों की पुलिस कॉपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. सीवान, मोतिहारी, यूपी के तमकुही, कुशीनगर में भी कबाड़ की दुकानों पर छापेमारी हुई है. पुलिस के पास तीन सौ कबाड़ दुकानों की लिस्ट है, जिसमें अब तक 27 दुकानों को खंगाला गया है.
8 हजार विद्यार्थियों
की नि:शुल्क स्क्रूटनी
करीब 8 हजार ऐसे विद्यार्थियों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया था, जिन से शुल्क नहीं लिया गया है. उनमें ऐसे विद्यार्थी शामिल हैं, जिन्होंने जेईई मेन, नीट या किसी अन्य प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है, लेकिन बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में असफल रहे. अब उनके रिजल्ट का प्रकाशन पुन: किया जा रहा है.
गुम कॉपियों के रिजल्ट पर उलझन बरकरार
मंगलवार को बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा की रिजल्ट देने की तैयारी में है. ऐसे में नवादा जिले के छात्रों के साथ उलझन बरकरार है. कॉपियां नहीं मिलीं तो वैसे छात्र जिनके रिजल्ट की स्क्रूटनी करानी है वहां समस्या उत्पन्न होगी. यहां बता दें कि नवादा जिले की मैट्रिक की कॉपियों को मूल्यांकन के लिए एसएस बालिका प्लस टू स्कूल भेजा गया था.
कॉपियों की जांच के बाद परीक्षार्थियों के प्राप्तांक की शीट बोर्ड को भेज दी गयी. जब बिहार बोर्ड ने टॉपरों के वेरीफिकेशन के क्रम में कुछ छात्रों की कॉपियों की मांग की तो सोशल साइंस व विज्ञान की चार कॉपियां नहीं मिलीं. बाद में जांच में 215 बैग से 42400 से अधिक कॉपियां गायब पायी गयीं. इस मामले में प्राचार्य ने आदेशपाल व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी.