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48 घंटे में आठ डिग्री सेल्सियस नीचे उतरा पारा

पटना : शनिवार-रविवार (48 घंटे) के दरम्यान अधिकतम तापमान में करीब आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. बिना बरसात के उच्चतम तापमान में इतनी गिरावट उल्लेखनीय मानी जा रही है. जानकारों के मुताबिक मौसमी दशाओं में अचानक आये इस तरह के बदलाव बहुत कम देखे जाते हैं. दूसरी तरफ, सोमवार को आंशिक […]

पटना : शनिवार-रविवार (48 घंटे) के दरम्यान अधिकतम तापमान में करीब आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. बिना बरसात के उच्चतम तापमान में इतनी गिरावट उल्लेखनीय मानी जा रही है. जानकारों के मुताबिक मौसमी दशाओं में अचानक आये इस तरह के बदलाव बहुत कम देखे जाते हैं. दूसरी तरफ, सोमवार को आंशिक लेकिन मंगलवार से गुरुवार तक अच्छी बारिश के आसार हैं. मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक यह दौर माॅनसून के काउंटडाउन का है.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक रविवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस रह गया. शनिवार को 38 डिग्र्री सेल्सियस था. शनिवार की सुबह तक अधिकतम तापमान 42 डिग्री के आसपास था. इस तरह करीब 48 घंटे में तापमान करीब आठ डिग्री सेल्सियस नीचे आया. रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम दर्ज किया गया है. हालांकि, न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है़ न्यूनतम तापमान रविवार को 28.6 दर्ज किया गया है. 48 घंटे पहले 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा था.

दिन भर छाये रहे बादल, लेकिन नहीं हुई बारिश : रविवार की सुबह से ही बादल छा गये. ठंडी हवा भी बहने लगी. लोगों में उत्साह दिखा. दरअसल लोगों को उम्मीद थी कि बारिश होगी. इससे चल रही गर्मी की कठिन मौसमी दशाओं में सुधार होगा. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ. बादल बिन बरसे इधर-उधर उड़ते दिखे. यह बात और है कि दिन-भर ठंडी बयार बही. बादल भी छाये रहे. बहुत कम धूप निकली. हालांकि, इसकी वजह से भी तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज हुई है.
मॉनसून का है बेसब्री से इंतजार : पटना सहित समूचे प्रदेश को मॉनसून का बेसब्री से इंतजार है. हालांकि, इस हफ्ते पटना अंचल में तीस से चालीस मिलीमीटर बारिश के आसार बताये जा रहे हैं. मौसम विज्ञानियों का दावा है कि इस हफ्ते बेहतर बारिश होगी. दरअसल समूचे इलाके में समय पर माॅनसून न आने से खेती से जुड़ी गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं.
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर : फिलहाल अंचल के किसान परेशान हैं. किसानों के सामने आजीविका का संकट है. अगर कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई, तो खेती के साथ-साथ पशुपालन भी प्रभावित होगा. खास तौर पर दुधारू पशुओं पर विपरीत असर पड़ेगा. दूध उत्पादन कम हो सकता है. धान और सब्जी उत्पादक किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट है, क्योंकि बिना पानी के इसकी खेती संभव नहीं है. सब्जी महंगी भी हो सकती है. किसानों के मुताबिक माॅनसून का अब आना नितांत जरूरी हो गया है.
लिहाजा किसान की नजरें आसमान पर टिकी हुई हैं.
राज्य में वज्रपात से दो की मौत, दो दिन बाद शुरू होगी मानसून की बारिश : प्रदेश के सभी जिलों में रविवार को आंधी और बारिश से गर्मी से राहत मिली. वहीं दो जिलों में वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गयी. मौसम विभाग ने अगले दो दिन बाद मानसून की बारिश शुरू होने की संभावना जतायी है. वहीं सोमवार को भी प्रदेश के सभी जिलों में आंधी, बारिश और वज्रपात गिरने की आशंका है. आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष ने वज्रपात से दो लोगों के मौत की की पुष्टि की है. विभाग के अनुसार मृतकों में से एक मुंगेर जिले का 40 वर्षीय मणिकांत यादव है, वहीं दूसरा बांका जिले का 16 वर्षीय बट्टन कुमार है.

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