राज्य सरकार ने करीब 42 करोड़ रुपये का आवंटन करते हुए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी
पटना : पर्यटन विभाग की स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत चयनित बांका के मंदार पर्वत व अंग प्रदेश सर्किट का विकास किया जायेगा. इनसे संबंधित चुनिंदा स्थलों के विकास को लेकर राज्य सरकार ने करीब 42 करोड़ रुपये का आवंटन करते हुए टेंडर प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है. वर्तमान जून महीने ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अगले डेढ़ महीने से 15 महीने के भीतर सभी विकास कार्य पूरे कर लिये जायेंगे.
मंदार पर्वत व आस-पास मंदिर भी होंगे विकसित: साथ ही बांका के मंदार पर्वत, उसके आस पास मंदिरों व पापहरणी तालाब का विकास भी प्रस्तावित है. इस पर करीब 18 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. पर्यटकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदार पर्वत को लेकर हिंदू मान्यता है कि समुद्र मंथन के वक्त देवताओं व असुरों ने मथनी के लिए इसी पर्वत का इस्तेमाल किया था.
पर्वत के ऊपर बने पापहरणी तालाब में स्नान करने पर शारीरिक व मानसिक शांत मिलती है. इस पर बने मंदिरों में भगवान विष्णु-पार्वती की प्राचीन मूर्तियां भी हैं, जिसे एएसआइ द्वारा संरक्षित किया गया है. 700 फीट ऊंचा यह पर्वत हिंदुओं के साथ जैन धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण है.
किन जगहों पर कितने होंगे खर्च
स्थल राशि कार्य अवधि
चंद्रिका स्थान, मुंगेर का विकास 90. 05 लाख नौ महीना
केसरिया स्तूप, पूर्वी चंपारण का सतत निर्माण 20.32 लाख डेढ़ महीना
मंदार हिल टॉप व पापहरणी तालाब आकाशगंगा का विकास 12.72 करोड़ 15 महीना
अवंतिका नाथ मंदिर, कामधेनु मंदिर और मधुसूदन नदी का विकास 09.10 करोड़ 15 महीना
मंदार मंच पाथवे का विकास, बेंच-लाइट सहित थीमेटिक गेट का निर्माण 5.11 करोड़ 12 महीना
बांका मेला ग्राउंड पर आर्ट एंड क्राफ्ट गांव का विकास 5.68 करोड़ 12 महीना
भागलपुर में आर्ट एंड क्राफ्ट गांव का विकास 5.69 करोड़ 12 महीना
बांका-भागलपुर में आर्ट एंड क्राफ्ट गांव
योजना के तहत बांका के मेला ग्राउंड और भागलपुर में चयनित स्थल पर आर्ट एंड क्राफ्ट गांव का विकास होगा. इन गांवों में स्थानीय चर्चित हस्तकला व हस्तकरघा उत्पादों के स्थायी स्टॉल लगाये जायेंगे, जहां पर इनकी प्रदर्शनी के साथ ही खरीद-बिक्री भी हो सकेगी. मालूम हो कि भागलपुर व कटोरिया का तसर सिल्क विश्व प्रसिद्ध है.