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पटना : फाइलेरिया की रोकथाम को 18 से 21 जिलों में एमडीए की शुरुआत
पटना : लिम्फेटिक फिलारिसिस या फाइलेरिया की रोकथाम के लिए बिहार के 21 जिलों में 18 जून से मास ड्रग एडमिन्सिट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम के अंतर्गत दो साल से बड़े सभी व्यक्तियों को दवाओं की खुराक दी जायेगी. केवल दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों […]
पटना : लिम्फेटिक फिलारिसिस या फाइलेरिया की रोकथाम के लिए बिहार के 21 जिलों में 18 जून से मास ड्रग एडमिन्सिट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत होगी.
इस कार्यक्रम के अंतर्गत दो साल से बड़े सभी व्यक्तियों को दवाओं की खुराक दी जायेगी. केवल दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को इससे छूट रहेगी.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले चरण में अररिया, बांका, बक्सर, बेगूसराय, भागलपुर, पूर्वी चम्पारण, गया, गोपालगंज, जमुई, खगरिया, कैमूर, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, सारण, सीतामढ़ी, सीवान, पश्चिम चंपारण, सहरसा और सुपौल सहित 21 जिलों में यह अभियान चलेगा. अगले चरण में शेष जिले भी इसी साल कवर किये जायेंगे. फाइलेरिया को एलफन्टाइअसिस या हिंदी में हाथीपांव भी कहा जाता है.
यह एक उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोग है, जिसमें फाइलेरियल परजीवी मच्छरों के जरिए मानव शरीर में दाखिल होते हैं. इसका संक्रमण आमतौर पर बचपन में होता है और इससे लसिका प्रणाली या लिम्फेटिक सिस्टम को अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचता है.
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