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पटना : नक्सली अनिल टाइगर गिरफ्तार, 14 साल से कई संगीन आपराधिक मामलों में था फरार
धनरूआ थाने के सोनमई चारपोलवा इलाके से पकड़ाया पटना : पटना पुलिस की टीम ने सीपीआई माओवादी से जुड़े हार्डकोर नक्सली अनिल टाइगर को धनरूआ थाने के सोनमई चारपोलवा इलाके से सोमवार को पकड़ लिया. अनिल टाइगर हत्या व रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन मामलों में 14 साल से फरार था. इसका आतंक गौरीचक, धनरूआ […]
धनरूआ थाने के सोनमई चारपोलवा इलाके से पकड़ाया
पटना : पटना पुलिस की टीम ने सीपीआई माओवादी से जुड़े हार्डकोर नक्सली अनिल टाइगर को धनरूआ थाने के सोनमई चारपोलवा इलाके से सोमवार को पकड़ लिया. अनिल टाइगर हत्या व रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन मामलों में 14 साल से फरार था. इसका आतंक गौरीचक, धनरूआ से लेकर मसौढ़ी तक था और इसने अपने संगठन का काफी विस्तार कर लिया था. इसके पास से एक देशी पिस्तौल और चार कारतूस बरामद किये गये हैं.
इसके खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसने अपनी भतीजी व बेटी की शादी के लिए दो लड़कों को दिनदहाड़े उनके घर से उठा लिया था. लड़के वालों की इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वे पुलिस से जा कर शिकायत कर सकें. क्योंकि शिकायत करने का मतलब वे लोग जानते थे कि अनिल टाइगर उनकी हत्या कर देगा.
हाल में ही अपनी दूसरी बेटी की शादी के लिए भी वह एक लड़के को उठाने के लिए उसके गांव गया था, लेकिन वहां उसे सफलता हाथ नहीं लगी थी. इसके खिलाफ धनरूआ व अन्य थानों में डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या व रंगदारी जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. मसौढ़ी जेल में रहने के दौरान इस पर पुलिस की 50 कारतूसों को भी चुराने का आरोप है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अनिल टाइगर से पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया गया है. जरूरत पड़ने पर रिमांड पर भी लिया जा सकता है.
चार किलोमीटर पुलिस को दौड़ाया, तब पकड़ाया : अनिल टाइगर की लंबाई मात्र पांच फीट है. लेकिन यह दौड़ने में काफी तेज है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर जब उसे पकड़ने का प्रयास किया तो वह भागने लगा. धनरूआ थानाध्यक्ष अजय कुमार व अन्य पुलिसकर्मी उसके पीछे दौड़े तो वह खेत में उतर गया. इसके बाद अनिल लगातार चार किलोमीटर तक भागता रहा, पर बाद में पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
पुलिस ने पकड़ा तो दिखाने लगा मासूमियत
पुलिस ने उसे जब पकड़ लिया तो वह बहुत मासूम बन गया. उसने बताया कि धनरूआ इलाके में चोरों का काफी आतंक था और उसने ही तीन नामी चोरों की हत्या कर इलाके को उनसे निजात दिलाया था. इसके बाद उसे जब बताया गया कि वह अब एसएसपी मनु महाराज के पास ले जाया जायेगा तो वह काफी डर गया.
14 साल बाद हुआ गिरफ्तार :
हार्डकोर नक्सली अनिल टाइगर को पुलिस 14 साल से खोज रही थी. वह 1998 में गिरफ्तार हुआ था. छह साल विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में रहने के बाद यह 2004 में बाहर निकला. जेल से निकलने के बाद से ही वह नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गया और हत्या, लूट व रंगदारी की घटनाओं को अंजाम देने लगा. इसके बाद से पुलिस लगातार इसे तलाश रही थी.
हाल में ही इसने पर्चा देकर मदर इंडिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजर से रंगदारी मांग कर हड़कंप मचा दिया था. पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी और नहीं देने पर काम बंद करने व जान से मारने की धमकी दे डाली थी. इसके बाद कंपनी द्वारा एसएसपी मनु महाराज को जानकारी दी गयी थी.
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