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महिला मरीज के परिजनों ने झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ दर्ज करायी हत्या की प्राथमिकी
फुलवारीशरीफ : संपतचक के बैरिया में दांत उखाड़ने के दौरान 26 वर्षीय महिला मरीज सोनी देवी की मौत के बाद परिजनों ने झोला छाप डॉक्टर ओम प्रकाश गोस्वामी एवं उसकी पत्नी के खिलाफ गोपालपुर थाना में हत्या की एफआईआर दर्ज करायी है. हत्या की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार कथित डॉक्टर दंपति की […]
फुलवारीशरीफ : संपतचक के बैरिया में दांत उखाड़ने के दौरान 26 वर्षीय महिला मरीज सोनी देवी की मौत के बाद परिजनों ने झोला छाप डॉक्टर ओम प्रकाश गोस्वामी एवं उसकी पत्नी के खिलाफ गोपालपुर थाना में हत्या की एफआईआर दर्ज करायी है.
हत्या की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार कथित डॉक्टर दंपति की तलाश में छापेमारी कर रही है. तफ्तीश में चौंकाने वाली बात सामने आयी है कि कथित डॉक्टर ओमप्रकाश गोस्वामी और उसकी पत्नी संगीता कुमारी दोनों मिल कर अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाते थे. ये लोग होमियोपैथ विधि से इलाज करने का काम करते थे और इसी दौरान धीरे-धीरे दांत उखाड़ने और लगाने का काम भी करने लगे.
मौत के बाद जागा प्रशासन : इस घटना के बाद नींद से जागा प्रशासन अब इलाके में झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है.
बीडीओ कुंज बिहारी ने कहा की बगैर डिग्री और लाइसेंस के प्रखंड में क्लिनिक और नर्सिंग होम चलाने वाले लोगों के खिलाफ जांच अभियान चलाकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. बीडीओ ने कहा की प्रखंड में सरकारी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संपतचक के अलावा कोई बढ़िया अस्पताल इलाके में नहीं है. प्रखंड में एक समुचित इलाज वाला अस्पताल खोलने के लिए पंचायत समिति की बैठक में प्रस्ताव लाया जायेगा और सरकार से यहां अच्छा अस्पताल खोलने की मांग की जायेगी.
क्या है मामला : अब्दुलाह चक निवासी सोनी देवी अपने मामा के घर से इस झोला छाप डॉक्टर के क्लिनिक में दांत में खोरहर का इलाज कराने आयी थी और इसी बीच दांत उखाड़ने के दौरान ही सोनी देवी की मौत हो गयी.
महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक दांत में ही परेशानी थी और कथित झोला छाप डॉक्टर ओम प्रकाश गोस्वामी और उसकी पत्नी संगीता देवी ने चार दांत उखाड़ डाले जिसके बाद अधिक रक्तस्राव होने से मरीज की जान चलीगयी.
क्या कहना है मसौढ़़ी के ग्रामीणों का
पहले तो स्वास्थ्य विभाग सभी सरकारी अस्पतालों में सृजित पद के अनुरूप चिकित्सकों की बहाली करे. उसके बाद रोगियों को चौबीस घंटे चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराना सुनश्चिति हो जाये तो झोला छाप डॉक्टरों की दुकान स्वतः बंद हो जायेगी.
धर्मवीर प्रसाद, ( कोल्हाचक धनरूआ )
झोला छाप डॉक्टरों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी अस्पतालों के इंतजाम में सुधार करना होगा. स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व उपचार सुचारु रूप से मिलने लगे तो मरीज भटकने को मजबूर नहीं होंगे.
संजय प्रसाद केसरी,(पूर्व उपाध्यक्ष नगर परिषद )
सरकारी अस्पताल में मौजूद कुछ चिकित्सक व कर्मी जो मरीजों को झांसा देकर मरीज को दिग्भ्रमित करते हैं और बाहर दिखाने की बात कहते हैं. मरीज झांसे में आकर बाहर झोला छाप चिकित्सकों के यहां पहुंच जाता है.
शैलेश पटेल, साहेब नगर, पुनपुन
आखिर जाएं तो जाएं कहां
बैरिया के स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों बिना डिग्री के क्लिनिक चला रहे थे. इस इलाके के गांव संपतचक, अब्दुल्लाह चक, सिरपतपुर, सोना गोपालपुर, गोसाईमठ, चक बैरिया समेत आस पास के दर्जनों गांवों के लोगों को बढ़िया और समुचित इलाज वाले अस्पताल की सुविधा नहीं होने के चलते इन झोला छाप डॉक्टरों के यहां जाने और इलाज करवाने की मजबूरी है. ग्रामीणों और समाजसेवियों ने भी संपतचक इलाके में बढ़िया अस्पताल नहीं होने के चलते ही लोगों को झोला छाप डॉक्टरों के यहां मजबूरी में इलाज करवाने जाने की बात स्वीकार की है.
इस प्रखंड और आस पास के इलाके में बगैर डिग्री और लाइसेंस के क्लिनिक और नर्सिंग होम चल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस इलाके के गरीब मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल के अलावा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ही एक मात्र सहारा है.
रंजीत कुमार टप्पू, उप प्रमुख, संपतचक प्रखंड
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