एजेंसी राइट्स ने संशोधित डीपीआर तैयार कर ली है, जिसे केंद्र सरकार को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद मूल्यांकन किया जायेगा
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राइट्स एजेंसी 15 जून को सौंपेगी डीपीआर, नवंबर-दिसंबर तक काम शुरू होने की उम्मीद
एजेंसी राइट्स ने संशोधित डीपीआर तैयार कर ली है, जिसे केंद्र सरकार को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद मूल्यांकन किया जायेगा पटना जंक्शन से गांधी मैदान, अशोक राजपथ, सैदपुर, एनएमसीएच, ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नये आईएसबीटी तक पहली लाइन बिछने की उम्मीद पटना : पटना मेट्रो की सवारी के लिए शहरवासियों को कम-से-कम वर्ष 2022 […]
पटना जंक्शन से गांधी मैदान, अशोक राजपथ, सैदपुर, एनएमसीएच, ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नये आईएसबीटी तक पहली लाइन बिछने की उम्मीद
पटना : पटना मेट्रो की सवारी के लिए शहरवासियों को कम-से-कम वर्ष 2022 तक का इंतजार करना होगा. यूं तो डीपीआर के मुताबिक प्रोजेक्ट के पहले चरण में तीन रूटों पर काम होना है, लेकिन पटना मेट्रो की पहली लाइन पटना जंक्शन से डाकबंगला, गांधी मैदान, अशोक राजपथ, सैदपुर, एनएमसीएच, कुम्हरार, ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नवनिर्मित इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) तक बिछने की उम्मीद है. इसके लिए चयनित एजेंसी राइट्स ने संशोधित डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली है. यह डीपीआर 15 जून तक
केंद्र सरकार को सौंप दी जायेगी. इसके बाद केंद्र सरकार डीपीआर का मूल्यांकन करेगी.
इसकी सैद्धांतिक सहमति मिलने में दो से तीन माह का वक्त लग सकता है. सहमति मिलने पर टेंडर प्रक्रिया कर एसपीवी व पीएमसी चयन कर काम प्रारंभ कराया जायेगा. इस प्रक्रिया में नवंबर से दिसंबर माह तक का समय लगेगा. फिर काम की रफ्तार संतोषजनक रही, तो वर्ष 2022 तक पटनावासी मेट्रो की सवारी का आनंद उठा सकेंगे.
फेज वन
रूट वन (ए)
दानापुर कैंट, शताब्दी स्मारक, आरपीएस मोड़, रूकनपुरा, राजा बाजार, जेडी वीमेंस कॉलेज, पटना एयरपोर्ट, राजभवन, पटना सचिवालय, पटना हाईकोर्ट, आयकर चौराहा, पटना जंकशन, चाणक्या विधि विवि, मीठापुर, बाईपास चौक.
रूट वन (बी)
दीघा, दीघा घाट, कुर्जी, आइआइटी पटना, न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी, शिवपुरी.
रूट टू
डाकबंगला, गांधी मैदान मार्ग, कारगिल चौक, पीएमसीएच, पटना विवि, प्रेमचंद रंगशाला, दिनकर चौक, राजेंद्र नगर, नालंदा मेडिकल कॉलेज, कुम्हरार पार्क, महात्मा गांधी सेतु, जीरो माइल व आईएसबीटी.
(फेज टू) रूट थ्री
मीठापुर चौक, लोहिया नगर कंकड़बाग, इनकम टैक्स कॉलोनी, जीरो माइल, छोटी पहाड़ी, रानीपुर, रानीपुर चक, चेक पोस्ट, गुरु का बाग, दीदारगंज.
(फेज थ्री) रूट फोर
बाइपास चौक, पटना जंक्शन, जयप्रकाश नगर, दशरथा, सेतु नगर, चितकोहरा, पटना सचिवालय, अनिसाबाद, हारुण नगर (खोजा इमली), पटना एयरपोर्ट, फुलवारीशरीफ, एम्स पटना.
एनआईटी के सहयोग से
राइट्स ने तैयार की डीपीआर
राज्य सरकार ने संशोधित डीपीआर की जिम्मेदारी राइट्स को दे दी है. लेकिन, इसक कंप्रीहेंसिव मोबिलिटी प्लान यानी सीएमपी को एनआईटी (नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के डीन संजीव कुमार सिन्हा व उनके इंजीनियरों की एक्सपर्ट टीम ने तैयार किया है. यह डीपीआर वर्ष 2030 की आबादी को ध्यान में रख कर तैयार की गयी. इसके आधार पर ही शहर के चार नगर निकायों पटना नगर निगम, फुलवारी, खगौल व दानापुर को मिला कर फिजिबिलिटी व सर्वे रिपोर्ट बनायी गयी. इंजीनियरों की पड़ताल में परिवहन के दूसरे तेज साधन लाइट रेल व मोनो रेल के मुकाबले मेट्रो को सबसे मुफीद परिवहन साधन बताया गया.
पटना मेट्रो : अब तक की प्रगति
आगे क्या
n 15 जून तक केंद्र सरकार को सौंप दी जायेगी संशोधित डीपीआर
n केंद्र सरकार उस डीपीआर का मूल्यांकन कर एनओसी के लिए भेजेगी
n सैद्धांतिक सहमति मिलने में दो से तीन माह का लगेगा वक्त
n सहमति मिलने
पर टेंडर के माध्यम
से एसपीवी व पीएमसी का होगा चयन
n अगले तीन माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम का होगा औपचारिक शिलान्यास
टना मेट्रो के लिए राशि का प्रबंध 20-20 फीसदी केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से होगा. शेष 60 फीसदी एक्सटर्नल लोन लिया जायेगा. हालांकि पिछले दिनों केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा के साथ हुई बैठक में अधिकारियों को पटना मेट्रो रेल परियोजना को पीपीपी मोड, 50:50 अथवा 10% केंद्रीय अनुदान के आधार पर क्रियान्वित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया था, ताकि अगले दो माह में इस परियोजना का शिलान्यास संपन्न करवाया जा सके.
पटना मेट्रो
की डिटेल
पूर्व की डीपीआर के मुताबिक पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को तीन फेजों में पूरा होना है. इसके पहले चरण में तीन रूटों जबकि दूसरे व तीसरे फेज में एक-एक रूट पर काम किया जाना है. 60 किमी लंबे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 16,960 करोड़ आंकी गयी है. पटना मेट्रो का 16 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड जबकि बाकी का हिस्सा जमीन से ऊपर होगा.
औसतन प्रति एक किमी पर एक मेट्रो स्टेशन तैयार करने की योजना है. फिलहाल 55 स्टेशनों का प्रस्ताव है. सबसे बड़ा मेट्रो रेलमार्ग 16 किमी का है, जो नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के नाम से जाना जायेगा. कुल मेट्रो परियोजना के लिए 58,321 वर्गमीटर सरकारी जमीन, 81,831 वर्ग मीटर निजी जमीन, 157 निजी संपत्तियां, 38 सरकारी संपत्तियों सहित कुल 53,173 वर्ग किमी क्षेत्रफल जमीन का प्रस्ताव है.
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