10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रसातल में उतरा भू-जल, हांफने लगी बोरिंग

अब तक की गर्मी में 20 फुट नीचे गिरा जल स्तर, पेयजल पर छाया संकट प्रभात रंजन पटना : इन दिनों शहर के भू-जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की गयी है. पटना जलापूर्ति शाखा के इंजीनियर की मानें, तो मार्च के बाद से भू-जल अब तक करीब 20 फुट नीचे उतर गया है. […]

अब तक की गर्मी में 20 फुट नीचे गिरा जल स्तर, पेयजल पर छाया संकट
प्रभात रंजन
पटना : इन दिनों शहर के भू-जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की गयी है. पटना जलापूर्ति शाखा के इंजीनियर की मानें, तो मार्च के बाद से भू-जल अब तक करीब 20 फुट नीचे उतर गया है. कई इलाकों में भू-जल 650 फुट तक पहुंच चुका है. इसके चलते बोरिंग में पानी आना कम हो गया है. आधे से अधिक बोरिंग पूरी तरह फेल हो चुके हैं. लोगों को बोरिंग की गहराई बढ़ाने के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. हालात यह है कि शहर में औसतन 350 फुट की बोरिंग भी फेल हो चुकी है. जल स्तर नीचे गिरने से सरकारी पंप हाउसों की बोरिंग से पानी कम निकल रहा है. इससे घरों में पहुंचने वाले पानी के प्रेशर काफी कम हो गये हैं.
घरों में पहुंच रहा गंदा व बदबूदार पानी: निगम 102 बोरिंग के माध्यम से घर-घर पानी पहुंचा रहा है. इसको लेकर शहर में करीब 1200 किलोमीटर जलापूर्ति पाइप बिछायी गयी है, जो काफी पुरानी और जर्जर हो गयी है. पाइप जर्जर होने से रोजाना औसतन 15 से 20 जगहों पर लीकेज की समस्या बनी रहती है. इससे पाइप में सीवर का गंदा पानी प्रवेश कर जाता है.
25% लोग ही सप्लाई पानी पर है निर्भर : निगम क्षेत्र में मकानों की संख्या चार लाख से अधिक है. आबादी करीब 20 लाख है. इन मकानों में एक लाख, 79,695 घरों में वाटर कनेक्शन है. आलम यह है कि जिनके घरों में वाटर कनेक्शन है, उसमें 80 प्रतिशत लोगों ने निजी बोरिंग लगा रखी है. इसकी वजह है कि 24 घंटे व सातों दिन वाटर सप्लाई की व्यवस्था नहीं है. सप्लाई पानी शुद्ध नहीं है. निगम क्षेत्र में सिर्फ 20-25% आबादी सप्लाई पानी पर निर्भर है.
सार्वजनिक नल का ही सहारा : नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र के पुर्णेंदुपुर सड़क किनारे एक सार्वजनिक नल है. इस नल से रोजाना सुबह-शाम सैकड़ों लोग पीने का पानी संचित करते हैं.
शाम चार बजे पांच बाल्टी लेकर पहुंचे लेबर कोर्ट मोहल्ला के रहनेवाले रमेश बताते है कि घर तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इससे सार्वजनिक नल से पानी ले जा रहे हैं. नल से पानी गिरने शुरू होता है, तो आधा घंटा तक गंदा व बदबूदार पानी आता है. इसके बाद साफ पानी मिलता है. यह स्थिति चांदपुर बेला, जयप्रकाश नगर, राजेंद्र नगर इलाके के काजीपुर, सैदपुर, रामनगर, बुद्धा कॉलोनी आदि इलाकों की है.
नयी कॉलोनियों में सार्वजनिक सप्लाई व्यवस्था नहीं : पिछले 10-20 वर्षों में निगम क्षेत्र में वार्डों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ दर्जनों नये मोहल्ले बसे हैं. इसमें न्यू बाइपास के दक्षिण, बेऊर का इलाका, जगदेव पथ व रूपसपुर, रूकनपुरा, राजीव नगर, नेपाली नगर, दीघा, कुर्जी, बालू पर, पाटलिपुत्र कॉलोनी सहित दर्जनों मोहल्ले शामिल हैं. इन नये मोहल्लों में करीब सात लाख की आबादी रह रही है. लेकिन, इनमें सप्लाई पानी की व्यवस्था नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें