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थानेदार को कोर्ट का शोकॉज, कहा क्यों न सात दिनों की सजा दी जाये
आदेश की अवहेलना व कर्तव्यहीनता पर कोर्ट ने लिया संज्ञान पटना : अदालत में केस डायरी नहीं प्रस्तुत करने के मामल में संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायालय उत्पाद के विशेष जज रमेशचंद्र मालवीय की अदालत ने रूपसपुर थाना में पदस्थापित एक थानेदार को स्पष्टीकरण नोटिस निर्गत करने का आदेश जारी किया है. साथ ही थानेदार […]
आदेश की अवहेलना व कर्तव्यहीनता पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
पटना : अदालत में केस डायरी नहीं प्रस्तुत करने के मामल में संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायालय उत्पाद के विशेष जज रमेशचंद्र मालवीय की अदालत ने रूपसपुर थाना में पदस्थापित एक थानेदार को स्पष्टीकरण नोटिस निर्गत करने का आदेश जारी किया है.
साथ ही थानेदार को 22 मई को न्यायालय में सदेह उपस्थित होकर यह बताने का आदेश दिया है कि-क्यों न अपने कर्तव्य का पालन नहीं करने व न्यायालय का आदेश न मानने के जुर्म में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के तहत उन्हें 7 दिन कारावास की सजा दी जाये. मामला रूपसपुर थाना कांड संख्या 267/2017 के अभियुक्त के जमानत आवेदन से जुड़ा है. थानेदार मामले में अनुसंधानकर्ता हैं.
उल्लेखनीय है कि उक्त थाना कांड संख्या में एक अभियुक्त ने विशेष अदालत में पिछले 31 जनवरी को अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया था.
आवेदन पर 3 फरवरी को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय को मामले के निष्पादन के लिए केस डायरी की आवश्यकता महसूस हुई. इसे लेकर न्यायालय ने अनुसंधानकर्ता को अदालत में केस डायरी प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. यह आदेश 5 फरवरी को दिया गया था. करीब तीन महीने बीतने व इस क्रम में बार-बार सूचित करने के बावजूद अनुसंधानकर्ता द्वारा अदालत में केस डायरी प्रस्तुत नहीं की गयी. जिस कारण आज तक जमानत आवेदन का निष्पादन नहीं हो सका. विशेष जज रमेशचंद्र मालवीय ने इसे न्यायालय के आदेश की अवहेलना एवं अपने कर्तव्य को नहीं निभाने के लिये अनुसंधानकर्ता के खिलाफ संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है.
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