पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बालश्रम की समस्या गरीबी से जुड़ी समस्या है. बालश्रम से मुक्ति के लिए लगातार काम करने की जरूरत है. बालश्रम में बच्चों का शोषण होता है. उन्होंने कहा कि विभाग पटना को बालश्रम से मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाये. घरों में स्टिकर लगे कि यह घर बालश्रम से मुक्त है.
मोदी सोमवार को श्रम संसाधन विभाग द्वारा बालश्रम उन्मूलन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह व श्रमायुक्त गोपाल मीणा भी मौजूद थे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों व समाज के हर वर्ग को बालश्रम से मुक्ति का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है लेकिन समाज को भी इसके लिए आगे आना चाहिए.
विभाग से उन्होंने कहा कि दिल्ली जानेवाली ट्रेनों में जांच करें, ताकि बाहर ले जाये जा रहे बालश्रमिकों को मुक्त कराया जा सके. उन्होंने कहा कि बच्चों के भी अपने तरीके से जीने का हक है. वे भी पढ़ना चाहते हैं, खेलना चाहते हैं. बच्चों को उनका बचपन देना होगा. उन्होंने कहा कि 4100 बच्चों को अन्य राज्यों से मुक्त कराया गया है. बालश्रम मुक्ति अभियान में एनजीओ को भी आगे आना चाहिए. बालश्रम को जड़ से समाप्त करना होगा. इसके पहले उन्होंने रविवार को हुई लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिता के सफल बच्चों को सम्मानित किया. श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बालश्रम से मुक्ति के लिए संकल्प लेने की जरूरत है. बिहार बलश्रम से मुक्ति कि दिशा में काम कर रहा है. पहले चरण में नगर निकायों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बालश्रम से मुक्त कराया जायेगा. कई नगर निकाय बालश्रम से मुक्त हुए हैं. बच्चों के बचपन को लौटाना सबका कर्तव्य है. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने कहा कि बच्चे भगवान की फसल हैं. इसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है. कार्यक्रम को पद्मश्री सुनीता कृष्णन, यूनिसेफ के शिवेंद्र पांडेय ने भी संबोधित किया. इस मौके पर विभाग के अवर सचिव के सेंथिल कुमार, संयुक्त श्रमायुक्त बीरेंद्र कुमार, किलकारी की ज्योति परिहार मौजूद थीं.