7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : गर्मी शुरू होते ही खिसका भूजल स्तर, इन इलाकों में अभी से घटने लगा है जल स्तर

पिछले साल से अतिरिक्त 10 फुट जमीन के नीचे उतरेगा पानी पटना : इस बार की गर्मी शहर पर भारी पड़ सकती है. भूजल के आंकड़े बताते हैं कि शुरू हो चुकी गर्मी में भूजल स्तर खिसक कर 25 फुट अभी और नीचे जा सकता है. पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा करीब दस […]

पिछले साल से अतिरिक्त 10 फुट जमीन के नीचे उतरेगा पानी
पटना : इस बार की गर्मी शहर पर भारी पड़ सकती है. भूजल के आंकड़े बताते हैं कि शुरू हो चुकी गर्मी में भूजल स्तर खिसक कर 25 फुट अभी और नीचे जा सकता है.
पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा करीब दस फुट अधिक होगा. दरअसल पिछले साल 12 से 15 फुट तक जल स्तर नीचे गया था. जाहिर है कि भूजल संकट बढ़ने वाला है. अलबत्ता सर्दियों के पहले और बाद के अनौपचारिक आंकड़े आने वाले समय में जबरदस्त जल संकट की आशंका को पुख्ता कर रहे हैं.
अप्रैल माह से ही राजधानी के जल स्तर में गिरावट आने लगी है. विशेषज्ञ बताते हैं कि अप्रैल माह से गर्मी की तपिश शुरू होते ही शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से पांच फुट तक पानी नीचे उतर गया है. यह गिरावट एकदम हाल की है.
इस स्थिति में मई माह में 20 से 25 फुट नीचे जल स्तर जाने की आशंका है. भूजल नीचे उतरने की रफ्तार अप्रत्याशित है. इसको लेकर नगर निगम और उससे जुड़ी एजेंसियां मंथन करने में जुट गयी हैं. जिम्मेदार एजेंसियां जल स्तर के सुधार को लेकर बिल्कुल चुप्पी साधे हुई हैं. राजधानी के नगर निगम क्षेत्र में 102 पंप हाउस के माध्यम से 30 से 40 प्रतिशत इलाकों में घरों तक जलापूर्ति की जाती है. निगम क्षेत्र में जहां सप्लाइ पानी नहीं पहुंचता है, वहां लोग निजी बोरिंग लगाकर पेयजल की समस्या दूर करते है.
पटना सिटी इलाके में अभी से है समस्या
निगम प्रशासन ने पटना सिटी इलाके में पीने के पानी की समस्या नहीं हो, इसको लेकर पंप हाउस के अलावा वार्ड स्तर पर चापाकल व बोरिंग लगाये गये.
हैरत की बात यह है कि चापाकल व बोरिंग सूख गये हैं. जबकि वे हाल ही में लगाये गये थे. जाहिर है कि भूजल स्तर तेजी से खिसका है. स्थिति यह है कि वार्ड संख्या 71 में करीब 20 चापाकल व बोरिंग हैं, जो मरम्मत के अभाव में जर्जर हैं. यह स्थिति कमोबेश अधिकतर वार्डों की है. वहीं, जल स्तर नीचे जाने पर पंप हाउस के मोटर भी खूब जलते हैं, जिनको दुरुस्त करने में जलापूर्ति शाखा को 10 से 15 दिन लगते हैं. आमलोग पेयजल की समस्या से जूझने को मजबूर होते हैं.
पिछले वर्ष चार मीटर नीचे गया था जल स्तर
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की मानें तो गर्मी में सिर्फ पटना के जल स्तर में गिरावट नहीं होती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल स्तर नीचे चला जाता है. पिछले वर्ष मई माह में किये अध्ययन के अनुसार पटना के औसत जलस्तर में चार मीटर(12 से 15 फुट) तक की गिरावट दर्ज की गयी थी. इसके अलावा बाढ़ में 5.30 मीटर, दनियावां में 6.32 मीटर, दुल्हिन बाजार में 4.65 मीटर, मनेर में 5 मीटर, परसा बाजार में 8.49 मीटर और खुसरूपुर में 8.93 मीटर नीचे जल स्तर चला गया था.
इन इलाकों में अभी से घटने लगा है जल स्तर
राजधानी में गर्मी शुरू होते ही आशियाना नगर, राम नगरी मोड़, शेखपुरा, खाजपुरा, अनिसाबाद, कदमकुआं, गर्दनीबाग, गुलजारबाग, मीना बाजार, मारूफगंज आदि इलाके हैं, जहां जल स्तर नीचे गिरने लगा है. इन इलाकों में तीन से पांच फुट जल स्तर नीचे चला गया है. जल स्तर नीचे जाने की वजह से इन इलाकों के पंप हाउस से कम पानी आ रहा है.मई माह की गर्मी में पटना के जल स्तर के 20 से 25 फुट नीचे जाने की आशंका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें