पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान परिषद सदस्य संजय सिंह ने विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के नाम खुला पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को सांप्रदायिकता की फिक्र करने की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐजेंडे में सांप्रदायिक सौहार्द सबसे ऊपर है, उससे कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.
उनका मानना है कि सांप्रदायिक और जातीय तनाव पैदा कर कोई वोट की राजनीति नहीं कर सकता. जातीय राजनीति के बूते सत्ता में काबिज रहने के लिए आपकी पार्टी ने बिहार को कैसे नरसंहारों के दौर में झोंक दिया था. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर बापू की आत्मा आपके परिवार के कुकृत्यों से कराह उठी होगी. संपत्ति संग्रहण करते हुए क्या आपकी अंतरात्मा कभी आपको धिक्कारती नहीं है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि तेजस्वी को ध्यान होगा कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद महागठबंधन के अंदर नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ी थी.
महागठबंधन के नेता और मुख्यमंत्री के तौर पर राजद ने नीतीश कुमार का नेतृत्व कबूल किया था. दिल्ली की बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, शरद यादव एवं मुलायम सिंह यादव ने जब नीतीश कुमार को नेता चुना था, उस समय नीतीश कुमार पटना में थे. विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे को जनता ने चुना. नीतीश कुमार का चेहरा नहीं होता तो दोनों भाई विधानसभा की मुंह नहीं देख पाते. उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष का पद तो सपना होता.