पटना : राजद सदस्यों द्वारा विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित करने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हल्ला-हंगामा करने से लालू परिवार का भ्रष्टाचार नहीं छुप सकता है. यह तो चोर मचाये शोर जैसी बात है. दिल्ली के एक अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर को आधार बना कर राजद द्वारा विधानमंडल की कार्यवाही को प्रभावित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव को बताना चाहिए कि पटना की जिस कीमती साढ़े तीन एकड़ जमीन पर उनका 750 करोड़ का माॅल अवैध तरीके से बन रहा था उसकी वह मालिक कैसे बने? आखिर कोचर बंधुओं ने तत्कालीन कंपनी मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी को लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते वह जमीन क्यों लिख दी थी? क्या कोचर बंधुओं को टेंडर में हेराफेरी कर रेलवे के रांची और पुरी के दो होटल लंबे समय की लीज पर नहीं दिये गये? 10 साल बाद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने आखिर कंपनी सहित करोड़ों की जमीन औने-पौने भाव में लालू परिवार को क्यों सौंप दी?
विधान परिषद स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में मोदी ने कहा कि जब इस मामले को 2017 में पुख्ता प्रमाण और कागजात के साथ उठाया गया, तब सीबीआई ने जांच के बाद आरोपों को सही पाकर एफआईआर दर्ज की. आयकर विभाग ने उस जमीन को औपबंधिक तौर पर जब्त कर लिया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लाउंड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है. राजद अखबार की खबर को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहा है. 2008 में शरद यादव के नेतृत्व में शिवानंद तिवारी और ललन सिंह ने इस मामले को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष उठाया था. विधानमंडल में हल्ला-हंगामा कर राजद लालू परिवार के भ्रष्टाचार को छुपाना चाहता है. अगर उसे लग रहा है कि लालू प्रसाद को फंसाया गया है तो कोर्ट में जाना चाहिए.