पटना : विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि जब भाजपा ने आंध्र प्रदेश की जनता की अनदेखी की तो टीडीपी ने अविलंब एनडीए से बाहर हो गयी. उन्होंने पूछा है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी लंबे समय से बिहार के विशेष राज्य के दर्जे और विशेष पैकेज की मांग कर रही है.
वर्तमान में केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार है. अब भला विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए एनडीए की केंद्र सरकार की दृष्टि में क्या राजनीतिक अड़चन है? अब नीतीश कुमार बिहार की जनता को क्या बतायेंगे?
विरोधी दल के नेता ने कहा कि क्या सैद्धांतिक रूप से नीतीश कुमार की जदयू को विशेष राज्य के लिए लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करना चाहिए? कभी इस काम के लिए दिल्ली में अधिकार रैली का आयोजन किया गया था. आज उनकी क्या मजबूरी है, जो अपनी बात भाजपा से अलग व पुरजोर तरीके से राज्यहित में रख नहीं पा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि क्या जदयू की अपनी कोई राजनीति नहीं रह गयी है जो बीजेपी का सैद्धांतिक रूप से भी विरोध नहीं कर सकती? वह बिहार को विशेष राज्य की हमारी मांग का संसद में समर्थन क्यों नहीं कर रहे? मुख्यमंत्री एक सर्वदलीय डेलीगेशन लेकर नरेंद्र मोदी जी क्यों नहीं मिलते? अगर वह केंद्र का विरोध करने में सक्षम नहीं है तो राजद का समर्थन करें. एक अखबार की रिपोर्ट में स्पष्ट बताया गया कि सीबीआई के पास कोई सबूत ही नहीं था. फिर भी लालू प्रसाद को घेरने की कोशिश कैसे की गयी. पूरे परिवार के विरुद्ध घृणित दुष्प्रचार का दुश्चक्र चलाया गया. उसमें उनका नाम भी योजनाबद्ध रूप से घसीट लिया गया.
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है राजद प्रमुख लालू प्रसाद का कदम बेईमानी की राह पर ऐसा भटका कि ईमानदारी का दरवाजा कभी देखा ही नहीं. जब से राजनीति में कदम रखा है, तब से आप की बेईमानियां ही सुर्खी बनीं. चाहे आप 1974 के जेपी आंदोलन में हों या फिर बिहार के सीएम बने हों . सच तो यह है कि लालू प्रसाद ने कभी गंभीर राजनीति नहीं की. बस लोगों को विकास के मुद्दे से भटकाये रखा.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के अंग्रेजी अखबार का कतरन लेकर जिस तरह से आरजेडी के सदस्यों ने विधान मंडल की कार्रवाई बाधित की है, उससे कई अहम मुद्दों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी. विधान परिषद की बात करें तो शिक्षा पर 63 सवालों का जबाब होना था. आरजेडी के लोग लालू नाम केवलम के आगे किसी की नहीं सुने और हंगामा करते रहे. आरजेडी के सदस्यों ने लालू के नाम पर बिहार की गरीब जनता के सवालों को सदन में नहीं आने दिया. वैसे भी आरजेडी को जनता के हितों से क्या लेना देना है.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि आरजेडी नेताओं को अंग्रेजी अखबार में आये आर्टिकल को ढंग से पढ़ लेना चाहिए. किस तरह से रेलवे टेंडर में घोटाला हुआ है. जमीन लेकर किस तरह से कोचर बंधुओं को लाभ पहुंचाया गया और किस तरह से रेलवे को नुकसान पहुंचाया गया. यदि अंग्रेजी में थोड़ा भी ज्ञान हो तो आर्टिकल के अंदर के कंटेंट को पढ़ लें, तब पता चलेगा कि क्या लिखा है. सिर्फ किसी खबर के हेडलाइन से आरजेडी के लोग हंगामा पर आतुर हैं.