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बिहार : जल उद्यान की सफाई में बाधक बन रहा कमल, मुरझाने का खतरा

गंदा पानी साफ करने पर बड़े-बड़े फूलों के मुरझाने का खतरा पटना : पटना जू का जल उद्यान देखने हर राेज बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं. एक ओर उद्यान में खिले बड़े-बड़े कमल के फूलों की खूबसूरती उन्हें आकर्षित करती है, तो दूसरी ओर गंदा पानी देख निराशा भी होती है. ऐसा नहीं है […]

गंदा पानी साफ करने पर बड़े-बड़े फूलों के मुरझाने का खतरा
पटना : पटना जू का जल उद्यान देखने हर राेज बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं. एक ओर उद्यान में खिले बड़े-बड़े कमल के फूलों की खूबसूरती उन्हें आकर्षित करती है, तो दूसरी ओर गंदा पानी देख निराशा भी होती है.
ऐसा नहीं है कि जू प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. लेकिन कमल के बड़े-बड़े फूल ही जल उद्यान की सफाई में बाधक बन गये हैं. उनके मुरझाने के भय से कर्मी उद्यान के गंदे पानी को साफ करने से बच रहे हैं.
कमल के 150 से अधिक पौधे : जल उद्यान का निर्माण 1993 में हुआ. इसमें 150 से अधिक कमल के फूल लगे हैं. साथ ही, कुछ अन्य जलीय पौधे भी हैं. उद्यान का निर्माण बेहतर ढंग से हुआ है. टाइल्स व पत्थर के टुकड़े लगे हैं और झरना भी बना है जिसके कारण यह बहुत खूबसूरत लगता है. पानी को छोड़ अन्य भागों की सफाई आैर रख रखाव भी बेहतर है, जिसे निहारने हर रोज सैकड़ों दर्शक वहां आते हैं.
कीचड़ में ही खिलता है कमल : परंपरागत मान्यता है कि कीचड़ में ही कमल खिलता है. जल उद्यान के कर्मियों की मानें, तो गंदे जल में ही पोषण मिलने की वजह से साफ पानी में कमल का फूल नहीं खिल सकता है. कृषि विज्ञानी भी मानते हैं कि कमल के जड़ में आर्गेनिक मैटर का जमावड़ा होना चाहिए. तभी वह ठीक तरह से खिल सकता है. इसलिए जड़ के पानी को साफ कर कमल खिलाना संभव नहीं है.
साफ पानी में नहीं खिल सकता है कमल का फूल
कमल-कीचड़ का पारिस्थितिक संबंध
कमल और कीचड़ का पारिस्थितिक संबंध होता है और एक के बिना दूसरा नहीं रह सकता है. साफ पानी में कमल नहीं खिल सकता है. इसके बावजूद मैं देखूंगा कि क्या किया जा सकता है.
-कंवलजीत सिंह, निदेशक, पटना जू
ऊपरी स्तर साफ होने से परेशानी नहीं
बांस की खपची बना कर पानी के ऊपरी स्तर को छान करसाफ किया जा सकता है. इससे बाहर से उड़ कर आये पत्तों के टुकड़े और जीवाश्म को बाहर किया जा सकेगा. ऊपरी स्तर साफ होने पर फूल खिलने में रुकावट नहीं आयेगी.
-डॉ एसके सिंह, वरीय कृषि वैज्ञानिक, पूसा कृषि विवि

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