आरपीएम कॉलेज में छात्राओं का हंगामा

पटना सिटी चौकशिकारपुर स्थित रामेश्वर दास पन्ना लाल महिला महाविद्यालय(आरपीएम कॉलेज) में मंगलवार को शपथपत्र नहीं रहने की स्थिति में नामांकन रद्द होने से नाराज छात्र संगठनों के नेताओं व प्रत्याशियों ने हंगामा किया. आक्रोशित छात्राओं ने प्राचार्या का घेराव भी किया. सूचना पाकर मौके पर पुलिस भी पहुंची. थाना पुलिस व जिला से आयी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 14, 2018 4:49 AM
पटना सिटी चौकशिकारपुर स्थित रामेश्वर दास पन्ना लाल महिला महाविद्यालय(आरपीएम कॉलेज) में मंगलवार को शपथपत्र नहीं रहने की स्थिति में नामांकन रद्द होने से नाराज छात्र संगठनों के नेताओं व प्रत्याशियों ने हंगामा किया. आक्रोशित छात्राओं ने प्राचार्या का घेराव भी किया. सूचना पाकर मौके पर पुलिस भी पहुंची. थाना पुलिस व जिला से आयी महिला पुलिस बल ने जब छात्राओं को रोकना चाहा, तो उनसे धक्का-मुक्की हुई. हालांकि, बाद में पुलिस प्रशासन की पहल के उपरांत संगठनों के नेताओं की प्राचार्या से वार्ता हुई.
हंगामे पर उतरीं छात्राओं का कहना था कि पटना के अन्य महिला कॉलेजों में शपथपत्र जमा करने के लिए छात्राओं को समय दिया गया, लेकिन यहां पर स्क्रूटनी के दरम्यान प्रथम श्रेणी के दंडाधिकारी का शपथपत्र संलग्न नहीं होने व आवेदन अपूर्ण होने की बात कह कर कॉलेज प्रशासन ने एक खास वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए उनका नामांकन रद्द कर दिया. छात्र संगठन शपथपत्र लेने के लिए समय व नामांकन को सही करार देने की मांग कर रहे थे. कॉलेज परिसर में दोपहर लगभग 12 बजे से आरंभ आंदोलन व प्रदर्शन का सिलसिला चार बजे तक कायम रहा.
इस दरम्यान छात्र संगठन के नेता व प्रत्याशी कॉलेज परिसर में ही जमीन पर बैठ धरना देने लगे. हालांकि, इस मामले में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ पूनम का कहना था कि विश्वविद्यालय से दिशा निर्देश व अन्य कॉलेजों में लिये गये निर्णय के आलोक में यह निर्णय लिया गया है. फिलहाल छात्राओं को समझा -बुझा कर मामले को शांत कराया गया है. छात्र नेताओं का कहना था कि प्राचार्या ने बुधवार की दोपहर तक शपथपत्र जमा करने को कहा है. इसके बाद संशोधित मतदाता सूची प्रकाशित होगी.
क्या है मामला
मगध विवि के कॉलेजों में 17 मार्च को छात्र संघ का चुनाव होना है. आरपीएम कॉलेज में पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन नौ मार्च को महाविद्यालय की 25 छात्राओं ने आवेदनपत्र जमा किया था. स्क्रूटनी के दरम्यान प्रथम श्रेणी के दंडाधिकारी का शपथपत्र संलग्न नहीं होने व आवेदन अपूर्ण होने की स्थिति में 19 छात्राओं का नामांकन रद्द कर दिया गया था.
वहीं, छात्राओं का आरोप था कि पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन ही शपथपत्र की बात कॉलेज प्रशासन की ओर से की गयी. ऐंसे में एक दिन में शपथपत्र नहीं बन सका. अगले दिन शपथपत्र बनवा कर आये, तो नामांकन रद्द कर दिया गया, जो न्यायसंगत नहीं है. दूसरे महाविद्यालय में भी ऐसा ही मामला था. वहां शपथपत्र दाखिल करने का समय दिया गया. यहां किसी तरह का समय नहीं दिया जा रहा है. आंदोलन में एआईएसएफ, छात्र राजद व छात्र जदयू के नेता शामिल थे.
जन अधिकार छात्र परिषद ने मांगा वोट
बिहटा. विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जन अधिकार छात्र परिषद ने अपना चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है. इस क्रम में पार्टी के सदस्य सह जीजे कॉलेज में अध्‍यक्ष पद के उम्‍मीदवार प्रवीण कुमार के नेतृत्‍व में विभिन्न छात्रावास, कॉलेज परिसर व कोचिंग संस्थानों में छात्रों से संपर्क कर सभी प्रत्याशियों को वोट करने की अपील की.
गौरतलब है कि कॉलेज ऑफ कॉमर्स में जन अधिकार छात्र परिषद की ओर से प्रवीण कुमार (अध्‍यक्ष), जीवन जीत (संयुक्त सचिव), रौशन कुमार (काउंसलर), सोमी कुमारी (काउंसलर) के उम्‍मीदवार हैं.

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