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मोहब्बत से ही दुनिया में हिंदुस्तान की पहचान : नदवी

फुलवारीशरीफ : लहू के आखिरी कतरे ने हिंदुस्तान पुकारा है…से फुलवारीशरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया में सोमवार को पूर्व अमीर-ए-शरीअत और प्रसिद्ध मुस्लिम विद्वान हजरत मौलाना निजामुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहे और प्यामे इंसानियत कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई. इस कॉन्फ्रेंस में आये विद्वानों ने कहा कि समाज की सिविल सोसाइटी जब अपना काम और जिम्मेदारी को सही और सलीके […]

फुलवारीशरीफ : लहू के आखिरी कतरे ने हिंदुस्तान पुकारा है…से फुलवारीशरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया में सोमवार को पूर्व अमीर-ए-शरीअत और प्रसिद्ध मुस्लिम विद्वान हजरत मौलाना निजामुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहे और प्यामे इंसानियत कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई.
इस कॉन्फ्रेंस में आये विद्वानों ने कहा कि समाज की सिविल सोसाइटी जब अपना काम और जिम्मेदारी को सही और सलीके से करना छोड़ देती है तब समाज में आपसी और सांप्रदायिक फसाद होने लगते हैं.
आज जरूरत है कि समाज में सिविल सोसाइटी और तमाम तबके के बुद्धिजीवियों व सामाजिक राजनीतिक हस्तियों को अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए समाज में सौहार्द का माहौल बनाये रखने की. हजरत मौलाना निजामुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहे और पयाम-ए-इंसानियत कॉन्फ्रेंस अल महद भवन में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी की सरपरस्ती में की गयी. इसमें मौलाना नदवी ने कहा कि ये मुल्क हमारा बड़ा कीमती है.
मुल्क में बादशाहों ने हुक्मरानी की और अपने इल्म व हुनर से इसको मालामाल किया. उन्होंने कहा कि रामचंद्र, गौतम बुद्ध गुरुनानक, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया, हजरत अमीर खुसरू जैसी हस्तियों ने यहां के निवासियों को व्यावहारिक अमन पसंद का मार्ग दिखाया.
गंगा-जमुनी तहजीब से इस मुल्क की खूबसूरती जाहिर हुई और एक मुद्दत तक बगैर किसी भेदभाव के हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मुहब्बत के साथ जीते रहे. उन्होंने कहा कि आज इंसानियत इस कदर गिर गयी है शक कि बुनियाद पर सब के सामने बेरहमी से किसी मासूम की जान ले ली जाती है. पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री डॉ शकील अहमद ने कहा कि हजरत निजामुद्दीन जैसी शख्सियत बहुत मुश्किल से पैदा होती है.
उन्होंने इंसानियत के लिए पूरी जिंदगी को समर्पित कर दिया. इमारत-ए-शरिया के नाजिम मौलाना अनिसुर्रहमान साहब कासमी ने कहा, हर आदमी अमन व सुकून चाहता है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की इस मिट्टी में रहमदिली है. हम हिंदुस्तानी भाई मुल्क के दुश्मन की चालों को समझें ओर उस का मुंह तोड़ जवाब दें.
पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक श्याम रजक ने कहा कि दिलों को टूटने से रोकना होगा तभी मुल्क में इंसानियत जिंदा रह सकेगी. संविधान जिस तरह से आजादी की बात करता है उस तरीके से आज कोई नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि हजरत मौलाना निजामुद्दीन कहा करते थे कि समाज के अंतिम पायदान के लोगों को पूरी सेवा और संजीदगी से उनका काम कराना ही इंसानियत है.
उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज के वंचित तबके के लोगों और इंसानियत सौहार्द के लिए लगा दी. इस कॉन्फ्रेंस में प्रख्यात इतिहासकार डॉक्टर प्रो इम्तेयाज अहमद ने सम्राट अशोक, अकबर, शेरशाह समेत कई महान विभूतियों की चर्चा की. कॉन्फ्रेंस में हजरत मौलाना निजामुद्दीन के बेटे मौलाना अब्दुल वाहिद नदवी ने कहा कि आज मुल्क के जिम्मेदार लोगों को आम जनता और मीडिया को भी अपने जमीर को जगाना होगा, वरना सोने की चिड़िया कहलाने वाले हिंदुस्तान की सरजमीं को बारूद के ढेड़ बनने से नहीं रोका जा सकता.
गुप्तेश्वर पांडेय ने इकबाल और रामधारी सिंह दिनकर की चर्चा करते हुए सामाजिक संस्कृति परंपरा की मजबूती से की. मेजर बलबीर सिंह ने कहा कि हम सब लोगों को मिल के जमीनी सतह पर काम करना होगा और मुल्क की जम्हूरियत को बचाने के लिए हर तरह की कुरबानी देनी पड़ेगी.

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