बिहार : फसल का भाव समर्थन मूल्य से हुआ कम, तो होगी भरपाई : राधामोहन सिंह

अंतरराष्ट्रीय एग्रीटेक बिहार 2018 का भ्रमण करने पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, बोले पटना : किसान के अच्छे दिन लाने के लिए केन्द्र सरकार फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर जो वर्तमान व्यवस्था है, उसमें आमूल चूल परिवर्तन करने जा रही है. रविवार को गांधी मैदान पटना में कृषि विभाग एवं पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 12, 2018 7:16 AM
अंतरराष्ट्रीय एग्रीटेक बिहार 2018 का भ्रमण करने पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, बोले
पटना : किसान के अच्छे दिन लाने के लिए केन्द्र सरकार फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर जो वर्तमान व्यवस्था है, उसमें आमूल चूल परिवर्तन करने जा रही है.
रविवार को गांधी मैदान पटना में कृषि विभाग एवं पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय एग्रीटेक बिहार 2018 का भ्रमण करने पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि खरीफ से पहले यह व्यवस्था लागू करनी है कि सभी फसलों का समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना हो तथा बाजार भाव यदि समर्थन मूल्य से नीचे आता है तो जितना जो अंतर का पैसा है वह किसान के जेब में कैसे जाएगा? इस पर नीति आयोग राज्य सरकारों के साथ बात कर रहा है. कृ़षि मंत्री ने कहा कि कुछ फसलों का समर्थन मूल्य लागत का 50 फीसदी है.
अभी तक किसानों को समर्थन मूल्य का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है , मंत्री ने अरहर की दाल का उदाहरण भी दिया. पूरे देश के अंदर आलू-टमाटर-प्याज की ये हालत है कि किसान को इसका भाव एक-दो रुपया मिल रहा है जबकि उपभोक्ता को 30-45 रुपया देना पड़ता है. केन्द्र सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण फंड बनाकर राज्य को पैसा दिया. बावजूद इसके आज भी आलू-टमाटर-प्याज का न तो किसान को उचित दाम मिलता है और उपभोक्ता को भी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. सही भाव में उपलब्ध हो इसके लिए आॅपरेशन ग्रीन के लिए बजट में प्रावधान किया है.
बिहार को एकीकृत धान प्रसंस्करण वाले उद्योग की जरूरत
मंत्री ने कहा िक मोटल लैंड लाइसेंसिंग कल्टीवेटर एक्ट के तहत पट्टा, बंटाईदार और किराये पर खेती करने वाले छोटे किसानों को सरकार की सभी संस्थागत व्यवस्था, योजनाओं (सहकारिता, कर्जा, बीमा आदि) का लाभ मिले, इसके लिए नीति आयोग राज्यों के साथ बैठ कर रहा है. बिहार को कुछ बड़े आकार के एकीकृत धान प्रसंस्करण और बड़े निवेश वाले चावल उद्योग की जरूरत है.
राज्य सरकार करे कर माफी की घोषणा
केंद्रीय मंत्री ने राज्य में रोजगार और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार से सहयोग की अपील की. मंत्री ने कहा कि मैं राज्य सरकार से अनुरोध करूंगा कि वे पांच सालों के लिए कर माफी की घोषणा करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास में सहयोग कर उसका विस्तार और सुधार करें. मेगा फूड पार्कों को आकर्षित करने की जरूरत है. दालें, मक्का, आलू, गन्ना, तिलहन और जूट के लिए भी परियोजना आधारित विकास योजना बनाने की जरूरत है.

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