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बिहार डबल इंजीनियर मर्डर कांड : संतोष झा समेत 10 आरोपितों को उम्रकैद

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोषियों को सुनायी गयी सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम की अदालत ने सुनायी सजा आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनायी गयी दरभंगा : दरभंगा के बहुचर्चित डबल इंजीनियर मर्डर केस में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत ने फैसला सुनाया. अदालत ने संतोष […]

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोषियों को सुनायी गयी सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम की अदालत ने सुनायी सजा
आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनायी गयी
दरभंगा : दरभंगा के बहुचर्चित डबल इंजीनियर मर्डर केस में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत ने फैसला सुनाया. अदालत ने संतोष झा व मुकेश पाठक सहित सभी 10 दोषियों को उम्रकैद के साथ-साथ अर्थदंड की भी सजा सुनायी है. कोर्ट का फैसला तीन साल बाद आया. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने घटना को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर बताया. कहा कि यह समाज के प्रति अपराध है.
उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की. वहीं दूसरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता कौशर इमाम हाशमी व प्रकाश स्वरूप सिंह ने दोषियों को कम सजा देने की मांग की. दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात अदालत ने अपना फैसला सुनाया. 86 पन्नों के निर्णय में अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी.
तीन साल बाद आया फैसला
अदालत ने दोषी संतोष झा को भादवि की धारा 302/109 में उम्रकैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी, वहीं भादवि की धारा 387/109 में सात वर्ष कारावास व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 120(बी) में उम्रकैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है.
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. अदालत ने मुकेश पाठक को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास, धारा 387/109 में सात वर्ष कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर छह माह सश्रम कारावास व 120(बी) के तहत उम्रकैद और 20 हजार अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है.
रोहतास व बेगूसराय के रहनेवाले थे इंजीनियर
अदालत ने विकास झा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास, धारा 387/ 109 में सात वर्ष कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर छह माह सश्रम कारावास व 120(बी) के तहत उम्रकैद और 20 हजार अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है.
अदालत ने निकेश दूबे को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अदालत ने अभिषेक झा को भारतीय दंड संहिता की धारा 386/ 109 में दो वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर एक माह सश्रम कारावास, धारा 387 में सात वर्ष 15 हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर छह माह सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. वहीं 120 (बी) में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. वहीं आर्म्स एक्ट की धारा 27(2) में 10 वर्ष सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी गयी.
अदालत ने दोषी पिंटू तिवारी, पिंटू झा, मुन्नी देवी, पिंटू लाल देव उर्फ अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास, धारा 386/ 109 में एक वर्ष कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास, भारतीय दंड संहिता की धारा 387/109 में पांच वर्ष 10 हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर तीन माह सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है.
वहीं 120 (बी) में आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर छह माह सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. अदालत ने संजय लाल देव को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है.
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास, धारा 387/ 109 में सात वर्ष कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर छह माह सश्रम कारावास एवं 120(बी) के तहत उम्रकैद और 20 हजार अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. अदालत ने अपने फैसले में सुनाया कि सभी दोषियों को मिली सजा साथ-साथ चलेगी.
एके-47 से मारी थी गोली
बता दें कि 26 दिसंबर, 2015 को बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम चौक पर एसएच-88 का निर्माण कार्य करा रहे बीएससी और सी एंड सी के इंजीनियर मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार की दिनदहाड़े एके-47 से अंधाधुंध गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
इसके बाद मुकेश पाठक और विकास झा सहित अन्य अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी 270/2015 दर्ज की गयी थी. 26 दिसंबर, 2015 को बहेड़ी में मारे गये अभियंता ब्रजेश कुमार रोहतास जिले के डेहरी आॅन-सोन व मुकेश कुमार बेगूसराय के रहनेवाले थे़

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