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बिहार : छोटी उम्र में कर्ज का बोझ, रातोंरात पैसा कमाने के लिए शॉर्ट कट अपना रहें ये नौसिखिया अपराधी

पटना : शहर में इन दिनों अपराधियों की नयी नर्सरी पनपने लगी है. बिना किसी आपराधिक रिकाॅर्ड के आ रही इन नौसिखिया अपराधियों की केस स्टडी बताती है कि इनमें अधिकतर कर्ज और तमाम बेतहाशा आर्थिक जरूरतों के चलते अपराध के दलदल में उतर रहे हैं. अपनी तमाम कमजोरियों और बुराइयों के चलते कर्ज में […]

पटना : शहर में इन दिनों अपराधियों की नयी नर्सरी पनपने लगी है. बिना किसी आपराधिक रिकाॅर्ड के आ रही इन नौसिखिया अपराधियों की केस स्टडी बताती है कि इनमें अधिकतर कर्ज और तमाम बेतहाशा आर्थिक जरूरतों के चलते अपराध के दलदल में उतर रहे हैं. अपनी तमाम कमजोरियों और बुराइयों के चलते कर्ज में डूबे ये युवा रातों-रात पैसा कमाने के फेर में शॉर्ट कट रास्ता तलाशते हैं जो सिर्फ अपराध की तरफ ले जाता है. पिछली घटनाक्रमों पर नजर डालें ताे ये तस्वीर साफ भी हो जाती है.
देश के बड़ा शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता ही नहीं राजधानी पटना समेत सूबे के कई शहरों में इन खतरनाक नौसिखिया अपराधियों की खेप खड़ी हो गयी है.
दिल्ली में पिछले दिनों एक गर्लफ्रेंड ने अपने ब्वॉय फ्रेंड का कर्ज उतारने के लिए खुद चोरनी बन गयी. उसी तर्ज पर पटना में साथ खेलने वाले विक्रांत उर्फ विक्की ने अपने ही पड़ाेसी के बेटे का अपहरण कर मौत के घाट उतार दिया. एक किरायेदार ने कर्ज का बोझ उतारने के लिए न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी से अपने ही मकान मालिक के बेटे का किडनैपिंग कर लिया. लगातार हो रही इन घटनाओं ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है.
सबसे बड़ी मुसीबत इस तरह के केस को सुलझाने में हो रही है, क्योंकि ये वाे अपराधी नहीं है जिनका थाने में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ये अपराधी तो अपना शौक पूरा करने के लिए पैसा कमाने के लिए अपराध की दुनिया के नये खिलाड़ी बन बैठे हैं. ये स्थिति ज्यादा खतरनाक है.
3 लाख का कर्ज, 25 लाख की रच डाली खूनी साजिश
अगमकुआं के चाणक्यपुरी का रहने वाला मामूली लड़का विक्रांत उर्फ विक्की. पढ़ाने की उम्र में उसे अच्छी गाड़ी, ब्रांडेड कपड़े, महंगे मोबाइल फोन का शौक हो गया. इंटर पास करने के बाद जल्दी पैसा कमा अपना शौक पूरा करने के लिए विक्की ने पटना के संदलपुर में पहले चप्पल-जूते की दुकान खोली.
जब दुकान नहीं चली तो उसने शृंगार आइटम की दुकान खोल ली, लेकिन उसकी आमदनी पर उसके शौक भारी थे. धीरे-धीरे वह कर्ज में डूबता गया और जब कर्ज देने वाले उस पर दबाव बनाने लगे तो उसने अपराध की राह पकड़ ली. 17 जनवरी, 2018 को पड़ोसी सुधीर कुमार के बेटे रौनक का अपहरण कर लिया और फिर 25 लाख की फिरौती मांगी. जब लगा कि भेद खुल जायेगा तो उसने रौनक को मार डाला.
फर्जी टॉपर गणेश ने छोड़ा था गिरिडीह
बिहार बाेर्ड के इंटरमीडिएट 2017 की परीक्षा में सामने आये फर्जी टॉपर गणेश की कहानी भी कर्ज के बड़े बोझ से ही शुरू होती है. वह गिरीडीह में रहता था. इस दौरान वह एक चिटफंड कंपनी से जुड़ा और एजेंट का काम करने लगा था.
उसके माध्यम से गिरीडीह के बहुत से लोगों ने चिट फंड कंपनी में पैसे जमा कराये लेकिन कंपनी रिटर्न करने के बजाय 70 लाख रुपये लेकर भाग गयी. गणेश को गिरीडीह छोड़ना पड़ा था, इसके बाद वह समस्तीपुर में आ गया और अपनी पहचान छुपाकर नकली दस्तावेजों के आधार पर मैट्रिक की परीक्षा दी.

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