सावधान ! दुश्मनी निकालने का जरिया भी बन गया है रंगों का त्योहार, बरतें ये सावधानियां

होली में घर आने की गारंटी होने के कारण बना लेते हैं योजना पटना : होली पर्व के दौरान लोग अपनी दुश्मनी भी सधाते है. ये एक खास अवसर होता है जब लोग होली खेलने के बहाने घातक हमला तक कर देते हैं. इनमें मारपीट से लेकर हत्या तक की घटनाओं को अंजाम दिया जाता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 1, 2018 5:35 AM

होली में घर आने की गारंटी होने के कारण बना लेते हैं योजना

पटना : होली पर्व के दौरान लोग अपनी दुश्मनी भी सधाते है. ये एक खास अवसर होता है जब लोग होली खेलने के बहाने घातक हमला तक कर देते हैं. इनमें मारपीट से लेकर हत्या तक की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. दरअसल ये पूरी तरह सुनियोजित होता है. जाहिर है ऐसे में आम शहरी को सतर्क रहने की जरूरत है. पिछले अपराधिक आंकड़े कुछ इसी तरह की गवाही देते रहे हैं.

पहचान का नहीं होता है खतरा

होली में हत्या या अन्य आपराधिक घटना को अंजाम देना भी आसान होता है, क्योंकि इस दौरान रंग से पूरा शरीर सराबोर रहता है और उन्हें पहचानना तक मुश्किल है, इसलिए उन्हें पहचाने जाने का भी खतरा नहीं रहता है. इसके साथ ही घटना को अंजाम देकर वे आसानी से उन लोगों में शामिल हो जाते है, जो रंग खेलने में मशगुल रहते है. जिसके कारण किसी को पता तक नहीं चल पाता है कि अगले व्यक्ति के साथ क्या घटना घटित हुई.

हर जगह बजता है लाउडस्पीकर, दब जाती है आवाज : होली के दौरान लोग इसे काफी इंज्वाय करते है. अपने घर के अगल-बगल कुछ-कुछ दूरी पर लोग लाउडस्पीकर भी काफी तेज आवाज में बजाते है. इसके साथ ही तमाम गली-मुहल्लों में काफी शोर रहता है. अगर फायरिंग की आवाज भी आयी तो लोगों को पता नहीं चल पाता है. इसके साथ ही अगर किसी को गोली लगी होती है तो भी शरीर से निकलने वाले खून को रंग ही लोग समझते है. जिसके कारण अपराधियों के लिए यह पर्व आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए काफी मुफीद होते है.

पुलिस भी रहती है परेशान : होली पर्व में हुड़दंगियों व असामाजिक तत्वों से निबटने के लिए सुरक्षा के प्रबंध तो किये जाते है, लेकिन लोगों की जनसंख्या की अपेक्षा में पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने के कारण पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस दौरान व्यवस्था गड़बड़ाने की भी आशंका रहती है.

होली के दिन जबरन रंग लगाने को लेकर होता है विवाद

पटना : होली के दिन आपस में दो गुटों के भिड़ने की हमेशा खबर आती है. यह विवाद तब पनपता है जब होली के दिन जबरन रंग लगाने की कोशिश की जाती है या फिर अश्लील गाना बजाया जाता है.

ये दो मुख्य कारण है, जिसके कारण घटना घटती है और हत्या तक हो चुकी है. पूर्व की घटनाओं पर गौर करें तो कई मामले ऐसे निकलेंगे जो इन्हीं दो कारणों के कारण घटित हुई है.

-नवादा में होली का जश्न मनाने के दौरान कुछ युवकों ने घर में जबरन प्रवेश कर एक युवती को जबरन लगाने का प्रयास किया. युवती के नाना रामभज्जु ने जब इस बात का विरोध किया तो फिर उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. दो अन्य घायल हुए.

-शेखपुरा जिला में अश्लील गाना को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गये थे और फिर फायरिंग हो गयी थी और इस दौरान संतोष कुमार की गोली लगने से मौत हो गयी थी, जबकि एक घायल हो गया था. अश्लील गीत को बंद करने को लेकर विवाद हो गया और फायरिंग हुई.

– क्या-क्या बरतें सावधानियां

-होली के दौरान घर के आसपास ही रहे और अपनों के साथ ही होली खेलें

-दूसरे से जबरन होली खेलने का प्रयास नहीं करें, क्योंकि मामला मारपीट तक पहुंच जाती है.

-अगर किसी से दुश्मनी है तो हमेशा यह ख्याल रखें की कभी भी अकेले घर से बाहर नहीं निकले.

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