पटना: प्रश्नपत्र आउट कर नौकरी लगाने वाले गिरोह का पटना पुलिस ने परदाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है. इन लोगों के पास से दस ब्लू टूथ, पांच मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड, दस एटीएम कार्ड, 13 पासपोर्ट साइज फोटो, बिना नंबर प्लेट की स्विफ्ट डिजायर कार व कई अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये हैं.
पकड़े गये जालसाजों में रविशंकर कुमार (लाभगांव, खगड़िया), गौरी शंकर ठाकुर (लाभगांव, खगड़िया) व अमरेश कुणाल (चितकोहरा, गर्दनीबाग) शामिल हैं. इन सभी को सिटी एसपी जयंत कांत के नेतृत्व में गांधी मैदान थाने की पुलिस ने बिस्कोमान भवन गोलंबर के पास पकड़ा.
कोलकाता से संचालित होता है गिरोह : गिरोह का मास्टर माइंड कोलकाता में रहनेवाला वीरेंद्र पासवान है. वीरेंद्र ही सारी व्यवस्था करता है और प्रश्नपत्र आउट करने से लेकर अन्य व्यवस्था करता है. उसे पकड़ने के लिए एक टीम जल्द ही कोलकाता जायेगी. यह गिरोह नौकरी लगाने के नाम पर 10 से 15 लाख की राशि को वसूल करता था. यह पैसा ये लोग किस्तों में लेते थे. परीक्षा में पास कराने के बाद बाकी राशि लेते थे.
सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करता था कोड : मास्टर माइंड वीरेंद्र पासवान कोड का उपयोग करता था. वह परीक्षा के महज कुछ घंटे पहले प्रश्नपत्र की स्कैन कॉपी इ-मेल से गिरोह के सदस्यों को भेजता था. वीरेंद्र ने एक अलग से इ-मेल तैयार कर रखा था. इसे वही खोल सकते थे, जिन्हें कोड मालूम रहता था. सेल की तकनीकी परीक्षा में इनका गुप्त कोड चारमीनार था. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस गोरखधंधे में शामिल गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. एसएससी के कनीय अभियंता व सेल की तकनीकी परीक्षा का इस गिरोह ने प्रश्नपत्र आउट कर दिया था.
पहले भी रविशंकर गया है जेल
यह गिरोह वर्ष 2012 में हुए एसएससी के कनीय अभियंता की परीक्षा व वर्ष 2014 में स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की तकनीकी परीक्षा के प्रश्नपत्र को भी आउट करने में शामिल थे. रविशंकर पीरबहोर थाने से आर्म्स एक्ट व आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दर्ज मामले में पहले भी जेल जा चुका है.