पटना: बेऊर थाने के तेजप्रताप नगर निवासी व सेवानिवृत्त प्रोफेसर लालबाबू सिंह की पुत्री अनामिका की मौत के मामले में फिलहाल प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. पुलिस अगमकुआं पुलिस द्वारा लिये गये पिता के फर्द बयान का इंतजार कर रही है. प्रो सिंह ने कहा कि जलने के बाद वे अनामिका को लेकर बर्न अस्पताल गये, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
इसके बाद उसका अंतिम संस्कार गुलबी घाट कर दिया गया. वे लोग सौरभ व अनामिका की शादी को लेकर तैयार थे. लेकिन सौरभ, उसके माता-पिता, बहन-बहनोई व भाई द्वारा आठ लाख नकद के साथ ही आइ टेन- 20 कार, पांच लाख के गहने की मांग की गयी थी. रिटायर होने के कारण उनकी मांगों को पूरा करने में असमर्थ थे. वे लोग सारी चीजें लेने को अडिग थे, जिसके कारण अनामिका डिप्रेशन की शिकार हो गयी थी. अनामिका जब भी उससे शादी की बात करती, तो वह झगड़ा करने पर उतारू हो जाता.
हाल में सौरभ ने मारपीट भी की थी. बुधवार को इस मुद्दे पर दोनों के बीच गरमागरम बहस भी हुई. इसके बाद वह अपने घर पहुंची और आग लगा कर आत्महत्या कर ली. उन्होंने पुलिस को सूचना नहीं देने के सवाल पर कहा कि घटना के बाद काफी परेशान थे. उन्होंने कहा कि वे पहले पुलिस को जानकारी देते या फिर अनामिका को अस्पताल में पहले भरती कराते?