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को-ऑपरेटिव बैंकों की एनपीए वसूली में अब आयेगी तेजी

पटना. राज्य के को-आॅपरेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सहकारिता विभाग सतर्क हो गया है. बैंकों के एनपीए वसूली में अब तेजी लायी जायेगी. बैंकों में सरकारी राशि जमा हो इसके लिए विभाग वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जायेगा. पिछले दिनों सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह ने सहकारी बैंकों के अध्यक्षों […]

पटना. राज्य के को-आॅपरेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सहकारिता विभाग सतर्क हो गया है. बैंकों के एनपीए वसूली में अब तेजी लायी जायेगी. बैंकों में सरकारी राशि जमा हो इसके लिए विभाग वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जायेगा. पिछले दिनों सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह ने सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ बैठक भी की थी.
सहकारी बैंकों में कर्मियों की कमी को देखते हुए आईपीबीएस के माध्यम से सीधी नियुक्ति के लिए बैंकों द्वारा कार्रवाई की जा रही है. किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने की दिशा में प्रयास शुरू हो गया है. इसके लिए अल्पकालीन सहकारी साख समितियों को सुदृढ़ करने की दिशा में सहकारिता विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. अभी राज्य में 22 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक कार्यरत है. 22 में से सात जिला केंद्रीय सहकारी बैंक पूर्णिया, कटिहार, औरंगाबाद, मुंगेर, सासाराम, मगध एवं नवादा की वित्तीय स्थिति कमजोर है.
इन बैंकों की स्थिति में पहले की तुलना में सुधार हुआ है. इन बैंकों का मार्च, 2016 में वित्तीय स्थिति पर 9 प्रतिशत से कम था. मार्च 2017 में सासाराम, मगध एवं नवादा जिला केंद्रयी सहकारी बैंक की स्थिति नौ प्रतिशत रही. कटिहार, पूर्णिया, औरंगाबाद की वित्तीय स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है. मालूम हो कि रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस बरकरार रखने के लिए वित्तीय स्थिति नौ प्रतिशत रहना जरूरी है.

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