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नलकूप, नहर, आहर-पइन से सवा दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई

पटना : बिहार में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. खासकर राज्य सरकार नलकूप, नहर, आहर, पइन और बीयर से फसलों के सिंचाई की योजनाओं को बढ़ावा दे रही है. ऐसे स्रोतों से अब तक करीब 2,22,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के लिए सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा चुकी हैं. […]

पटना : बिहार में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. खासकर राज्य सरकार नलकूप, नहर, आहर, पइन और बीयर से फसलों के सिंचाई की योजनाओं को बढ़ावा दे रही है. ऐसे स्रोतों से अब तक करीब 2,22,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के लिए सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा चुकी हैं. सिंचाई के ये स्रोत लघु सिंचाई के अंतर्गत आते हैं.
इन पर कम खर्च भी होता है. सिंचाई के इन स्रोतों के विकास के लिए योजना बनाने से लेकर पैसे की व्यवस्था करने में राज्य सरकार खुद सक्षम है, जबकि बड़ी व मध्यम सिंचाई योजनाओं के निर्माण के लिए बिहार सरकार को केंद्र की स्वीकृति लेनी होती है. इसके बाद बजट की व्यवस्था होने तक बहुत समय लग जाता है. इसलिए आवश्यकतानुसार इसे तैयार कर लागू करना आसान है.
दरअसल, लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत दो हजार हेक्टेयर तक की जमीन पर ही पटवन होता है. इससे ऊपर दो हजार से दस हजार हेक्टेयर का क्षेत्र मध्यम सिंचाई योजना के अंतर्गत आता है. इसी तरह दस हजार हेक्टेयर से ऊपर का क्षेत्र बड़ी सिंचाई योजना के अंतर्गत आता है.
इन बड़ी व मध्यम सिंचाई योजनाओं को जब तक केंद्रीय जल आयोग टेक्नो-इकोनोमिक क्लियरेंस नहीं देता है, तब तक राज्य सरकार उस पर काम शुरू नहीं कर सकती. नलकूप, नहर, आहर, पइन और बीयर से पटवन की सुविधा का उपयोग खासकर ऐसे इलाके में होता है जहां नदी परियोजनाओं से नहरें निकालकर सिंचाई सुविधा नहीं मिली है. इनमें दक्षिण बिहार का अधिकतर इलाका शामिल है. वहीं उत्तर बिहार के छिटपुट इलाके में इसका उपयोग हो रहा है.
डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नयी सिंचाई क्षमता का विकास
लघु जल संसाधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि साल 2017-18 में करीब 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विकास और अन्य कार्य किये जा रहे हैं. इसके लिए करीब 6,06,82,03,000 रुपये का बजट है. इससे पहले साल 2016-17 में 323.348 करोड़ रुपये खर्च कर 0.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पुरानी सिंचाई परियोजनाओं की मरम्मत की गयी. वहीं, करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लघु सिंचाई के नये काम हुए हैं.
बिहार में कितने एरिया में होती है खेती
प्रदेश में करीब 93 लाख हेक्टेयर जमीन में से करीब 56 लाख हेक्टेयर पर खेती होती है. इसमें से करीब 53 लाख हेक्टेयर जमीन पर बड़ी और मध्यम योजनाओं से सिंचाई क्षमता सृजित होने का अनुमान था.

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