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एड्स कंट्रोल सोसाइटी व नेशनल संस्थान को कोर्ट ने भेजा नोटिस
पटना : एचआईवी की जांच करने वाली मशीन के खराब होने पर पटना उच्च न्यायालय ने बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी और नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन को नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने संजीत सिंह द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश […]
पटना : एचआईवी की जांच करने वाली मशीन के खराब होने पर पटना उच्च न्यायालय ने बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी और नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन को नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने संजीत सिंह द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
अदालत ने इन दोनों संस्थानों को कहा की वह चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर वस्तुस्थिति की जानकारी अदालत को दें. अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि पटना के अगमकुआं स्थित राजेंद्र मेमोरियल इंस्टीट्यूट में एचआईवी की जांच की जाती है. लेकिन वहां एचआईवी की जांच करने वाली मशीन बहुत दिनों से खराब होने से जांच नहीं हो रहा है.
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और तिलकामांझी विवि को नोटिस
फर्जी डिग्री के आधार पर हटाये गये दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर और तिलकामांझी विश्वविद्यालय को पटना हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अदालत ने नोटिस जारी करते हुए इन दोनों को दस दिन के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर अपना पक्ष रखने को कहा है.
न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने इस संबंध में दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया. गौरतलब है कि दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को कानून की फर्जी डिग्री के चलते मंत्री पद से हटा दिया गया था. तोमर का कहना था कि उन्होंने कानून की जो डिग्री ली है, वह तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर की है. जांच में प्रथम दृष्टया यह पता चला कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा जितेंद्र सिंह तोमर को कानून की कोई डिग्री प्रदान ही नहीं की गयी है. इस संबंध में हाईकोर्ट ने श्री तोमर और विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में शपथ पत्र के माध्यम से अपनी बातों को अदालत में रखने का निर्देश दिया है.
साक्ष्य के अभाव में अवर निरीक्षक रिहा पटना के निगरानी ट्रैक के विशेष जज ब्रजमोहन सिंह की अदालत ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बेतिया के प्रवर्तक अवर निरीक्षक सुरेश कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. यह मामला निगरानी द्वारा 7 अक्तूबर 2010 को दर्ज किया गया था. मामले के सूचक मो रिजवान, जो एक लाइन होटल का मालिक था, ने 500 रुपये प्रति ट्रक उसके लाइन होटल पर ठहरने वाले हर ट्रक से मांग किये जाने का आरोप लगाय था. अभियोजन पक्ष द्वारा विचारण के दौरान अदालत नें पुख्ता साक्ष्य नहीं होने से सुरेश कुमार को रिहा कर दिया गया.
बिजली विभाग से हटाये आरआरएफ को पुनः नियुक्त करने का निर्देश : हाईकोर्ट ने साउथ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से हटाये गये आरआरएफ (रूलर रेवेन्यू फ्रेंचाइजी) को पुनः नियुक्त करने का निर्देश कंपनी को दिया है. न्यायाधीश विकास जैन की एकलपीठ ने अरुण कुमार सिन्हा एवं देवेंद्र प्रसाद की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
बलात्कार मामले में अभियुक्त दोषी पाया गया, सजा पर सुनवाई 29 को : पटना के एडीजे-1 आरएन त्रिपाठी की अदालत ने मालसलामी थाना कांड संख्या 306/15 में अभियुक्त बिरजू ठाकुर को बलात्कार का दोषी करार दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि तय की है.
अभियुक्त बिरजू ठाकुर 17 दिसंबर 2015 को अपने गांव की ही 12 वर्षीय बालिका से उस समय बलात्कार किया, जब वह अभियुक्त की छत पर गोइठा लाने के लिए अकेले गयी थी. मामले में अभियोजन द्वारा 7 गवाहों को पेश किया गया. अदालत ने अभियुक्त को भादवि की धारा 376 व पाक्सो अधिनियम की धारा 4 में दोषी पाया.
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