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सरकार बताये, छह मेडिकल कॉलेजों की कितनी जमीन पर अवैध अतिक्रमण
पटना. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह में यह पूछा है कि राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों की कितनी जमीन पर अवैध अतिक्रमण अब भी बरकरार है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मेडिकल कॉलेजों की जमीन पर हुए अतिक्रमण से संबंधित लोकहित याचिका की सुनवाई करते […]
पटना. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह में यह पूछा है कि राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों की कितनी जमीन पर अवैध अतिक्रमण अब भी बरकरार है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मेडिकल कॉलेजों की जमीन पर हुए अतिक्रमण से संबंधित लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों में से मुजफ्फरपुर और दरभंगा मेडिकल कॉलेज की जमीन पर अभी भी अतिक्रमणकारियों का अतिक्रमण है. अदालती आदेश के बाद भी अतिक्रमणकारियों से मेडिकल कॉलेज की जमीन प्रशासन द्वारा मुक्त नहीं करायी गयी है. याचिकाकर्ता का कहना था की दरभंगा मेडिकल कॉलेज की जमीन से संबंधित एक स्वत्व वाद दरभंगा की निचली अदालत में चल रहा था, जिसमें अदालत का फैसला मेडिकल कॉलेज के पक्ष में आया. फैसले के 10 माह बाद भी प्रशासन अतिक्रमणकारियों से कॉलेज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पायी है.
किस कानून के तहत बालू की कीमत तय कर रहा विभाग
पटना. पटना हाईकोर्ट ने खनन विभाग से पूछा कि किस कानून के तहत बालू की कीमत तय करने का अधिकार विभाग को है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी विभाग की अपील खारिज कर दी है. विभाग ने किस हैसियत से कीमत तय करने और विक्रय मूल्य का पांच प्रतिशत कमीशन बिहार राज्य खनन निगम में जमा करने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ज्योति शरण की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई की.
पार्क की जमीन पर हुए अवैध निर्माण पर करें कार्रवाई
पटना. राजधानी के कंकड़बाग स्थित डॉक्टर्स कॉलोनी और सचिवालय कॉलोनी के बीच स्थित पार्क 042 की जमीन पर दबंग लोगों द्वारा अवैध निर्माण किये जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. अदालत ने निर्माण करने वाले को नोटिस जारी करते हुए पटना के डीएम को निर्देश दिया कि वह इस मामले की छानबीन कर शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को स्थिति स्पष्ट करें.
राज्य सरकार से मांगा जवाबी हलफनामा
पटना. सड़क निर्माण के लिए अधिगृहित जमीन का मुआवजा जमीन अधिग्रहण के पांच साल के भीतर नहीं दिये जाने पर पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. अदालत का कहना था की पांच साल के भीतर जमीन का मुआवजा नहीं दिये जाने पर अधिग्रहण अधिसूचना निरस्त हो जायेगी. अदालत ने फिलहाल यथा स्थिति बनाये रखने का आदेश दिया.
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