अब प्राथमिक विद्यालयों में खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र

पटना : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अब बच्चों को अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन से जोड़ने के लिए अब जिलों में आंगनबाड़ी केंद्राें का संचालन प्राथमिक विद्यालयों में किया जायेगा. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व मानव संसाधन की ओर से यह योजना तैयार की गयी है. इसके लिए समेकित बाल विकास सेवा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2018 8:17 AM
पटना : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अब बच्चों को अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन से जोड़ने के लिए अब जिलों में आंगनबाड़ी केंद्राें का संचालन प्राथमिक विद्यालयों में किया जायेगा. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व मानव संसाधन की ओर से यह योजना तैयार की गयी है.
इसके लिए समेकित बाल विकास सेवा योजना (आईसीडीएस) के तहत जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के प्राथमिक विद्यालयों में शिफ्ट किया जायेगा. यानी जिस टोला में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. अब उसी टोला में संचालित प्राथमिक विद्यालय में उसका संचालन किया जायेगा.
12 फरवरी तक मांगी गयी है सूची : बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों और उसके निकटतम विद्यालय की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी गयी है. इसके लिए परिषद की अोर से जारी फार्मेट पर 12 फरवरी तक दोनों केंद्रों की स्थिति की जानकारी दी जानी है.
फार्मेंट के तहत प्रखंड का नाम आंगनबाड़ी केंद्रो का नाम एवं क्रमांक, आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान में कहां संचालित है. अपने भवन या सामुदायिक भवन में. दूसरे कॉलम में भी कई जानकारियां देनी हैं.
पूरे बिहार में 544 प्रखंडों में कुल 91 हजार 677 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इनमें छह माह से छह वर्ष के बच्चों को पोषाहार के साथ तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्कूल से पूर्व की शिक्षा दी जानी है. मंत्रालय का मानना है कि यदि केंद्र प्राथमिक विद्यालय में संचालित किये जायेंगे तो बच्चों को स्कूल के प्रति रूचि बढ़ेगी. साथ ही बच्चों का इनरॉलमेंट उन प्राथमिक विद्यालय में कराया जायेगा. आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को 250 रुपये प्रतिवर्ष पोशाक राशि दी जाती है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में पोशाक राशि के लिए 8895.70 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया था. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10003.94 का बजट आवंटित है.
किये जाते हैं ये कार्य
छह माह से छह वर्ष के बच्चों के लिए पूरक पोषाहार की व्यवस्था
स्कूल से पूर्व की शिक्षा
शिशुओं के टीकाकरण का लाभ, स्वास्थ्य जांच
पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा समेत अन्य सेवाएं

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