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मेमू ट्रेन को क्यों नहीं बंद कर देते

कोर्ट ने पूछा. आर ब्लॉक-दीघा रेल लाइन की कितनी जमीन है अतिक्रमित पटना : पटना हाईकोर्ट ने पूर्व मध्य रेलवे के डीआरएम और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर यह बताएं की आर ब्लॉक से लेकर दीघा तक रेलवे लाइन के किनारे […]

कोर्ट ने पूछा. आर ब्लॉक-दीघा रेल लाइन की कितनी जमीन है अतिक्रमित
पटना : पटना हाईकोर्ट ने पूर्व मध्य रेलवे के डीआरएम और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर कर यह बताएं की आर ब्लॉक से लेकर दीघा तक रेलवे लाइन के किनारे की कितनी जमीन पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण करने वाले कौन लोग हैं. अदालत ने डीआरएम को यह भी कहा वह एक शपथ पत्र दायर कर यह बताएं कि इस रूट पर मेमू ट्रेन चलाने से प्रतिदिन कितने रुपये का घाटा या फायदा होता है.
खंडपीठ ने डीआरएम से कहा कि अगर इस ट्रेन के चलने से रेलवे को घाटा होता है, तो क्यों नहीं इस ट्रेन को रेल मंत्रालय बंद कर देता है. न्यायाधीश डाॅ रवि रंजन और न्यायाधीश प्रकाश चंद्र जायसवाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट का कहना था कि रेलवे अगर इस जमीन को राज्य सरकार को दे देती है, तो राज्य सरकार पटना जंक्शन से लेकर दीघा हाट तक सड़क का निर्माण करेगी. महाधिवक्ता ललित किशोर का कहना था कि रेल मंत्रालय जमीन का 900 करोड़ मांग रहा है. जबकि सरकार मूल्य सर्किल रेट से देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि जब तक मामले का हल नहीं हो जाता, तब तक मेमू ट्रेन को नहीं रोका जाये.
अतिक्रमण नहीं हटाने पर डीएम कोर्ट में तलब
पटना. अदालती आदेश के साढ़े सात साल बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा हनुमान नगर के जगनपुरा ,साकेतपुरी, विजयनगर के चालीस फीट सड़क, पर से अवैध अतिक्रमण नहीं हटाने पर नाराज पटना हाई कोर्ट ने पटना के डीएम, एसएसपी, सदर एसडीओ ,सहित फुलवारीशरीफ के सीओ तथा पत्रकारनगर थाना के थानेदार को 30 जनवरी को अदालत में तलब किया है.
अतिक्रमण हटाने संबंधी अदालती आदेश का पालन नहीं किये जाने संबंधी मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि अधिकारी अदालती आदेश का मजाक बना लिए है.
यही कारण है कि आदेश के साढ़े सात साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अदालती आदेश का पालन नहीं किया गया है. अदालत का कहना था कि 40 फीट चौड़ी सड़क सिकुड़ कर 15 फीट की हो गयी है. सरकारी अधिकारी रोज इस सड़क से आते जाते है लेकिन उन्हें सड़क पर किया गया अतिक्रमण दिखायी नहीं पड़ता है.उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि अदालती आदेश को अब मजाक नहीं बनने दिया जायेगा. निगम के वकील संजय प्रकाश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि निगम अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन को अागाह करता रहा है.
पटना : बिहार के दो प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में चलनेवाले पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए संस्थानों ने निर्धारित सभी शर्तों को पूरा कर लिया है. मान्यता देने के संबंध में काउंसिल क्या कार्रवाई की गयी है इसको लेकर पटना हाईकोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने डॉ मधुकर एवं अन्य द्वारा दायर कई रिट याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह निर्देश गुरुवार को दिया.
अदालत को बताया गया कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज और पटना मेडिकल कॉलेज में वर्ष 1965 से ही पीजी डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई हो रही है. वर्ष 1991 में जब एमसीआई का गठन हुआ उसके पहले तक इन कॉलेजों को संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता दी जाती थी. अदालत को बताया गया दरभंगा मेडिकल कॉलेज में पांच पीजी डिप्लोमा कोर्स की पढ़ायी की जाती है, वहीं पटना मेडिकल कॉलेज में तीन डिप्लोमा कोर्स की पढ़ायी होती है. काउंसिल ने जब इन कॉलेजों में निरीक्षण किया, तो पाया कि ये कॉलेज पीजी डिप्लोमा कोर्स पढ़ाने के लिए वांछित सभी शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में इन कोर्स की मान्यता ही समाप्त कर दी गयी थी. अब ये पुन: शर्तों को पूरा कर रहे हैं.
पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य में मनरेगा, आंगनबाड़ी व अन्य योजनाओं के तहत स्थानीय निकाय द्वारा खर्च धनराशि का पूरा ब्योरा चार सप्ताह में अदालत को दे. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत को बताया गया की राज्य में मनरेगा, आंगनबाड़ी व अन्य योजनाओं के तहत स्थानीय निकायों द्वारा राशि खर्च की गयी है, उसका हिसाब विभाग को नहीं दिया गया है.
बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर सुनवाई अब 25 को
पटना. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 60वीं से 62वीं तक की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गये रिक्तियों के दस गुणा ज्यादा सफल छात्रों को मुख्य परीक्षा में बुलाये जाने के कानून को लेकर दायर रिट याचिका पर पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को आंशिक सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति ज्योति शरण की एकल पीठ ने अब इस मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 25 जनवरी को निर्धारित की है. अदालत को बताया गया कि कई प्रश्न गलत पूछे गये थे.
सारण जिले के ईंट भट्ठे पर कार्रवाई की मांगी रिपोर्ट
पटना. हाईकोर्ट ने सारण जिला में चलाये जा रहे ईंट भट्ठा पर अदालती आदेश के बाद की गई करवाई का पूरा ब्यौरा दो सप्ताह में पेश करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है.
अदालत ने सारण के जिलाधिकारी से पूछा कि कितने ईंट भट्ठे पर कार्रवाई की गयी है और कितने को बंद किया गया. न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति नीलू अग्रवाल की खंडपीठ ने रामजी प्रसाद सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया.

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