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बिहार : प्रधानमंत्री आवास योजना पर लगा ग्रहण, दूसरी किस्त का इंतजार, आसमान के नीचे रह रहे लाभार्थी

बिक्रम : केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना 17 जून 2015 को पूरे देश में लागू हुआ था, जिसमें सभी बेघर लोगों को 31 मार्च 2022 तक आवास योजना का लाभ देना है. इसमें लाभार्थी को प्रथम किस्त 50,000, द्वितीय किस्त एक लाख और तृतीय किस्त 50,000 में दो बेड रूम, किचेन व […]

बिक्रम : केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना 17 जून 2015 को पूरे देश में लागू हुआ था, जिसमें सभी बेघर लोगों को 31 मार्च 2022 तक आवास योजना का लाभ देना है.
इसमें लाभार्थी को प्रथम किस्त 50,000, द्वितीय किस्त एक लाख और तृतीय किस्त 50,000 में दो बेड रूम, किचेन व टॉयलट का निर्माण कराना था, लेकिन इस ड्रीम प्रोजेक्ट पैसे के अभाव में ग्रहण लग गया है. जानकारी के अनुसार 23 मार्च ,2017 को बिक्रम प्रखंड मुख्यालय के सभागार में केंद्रीय ग्रामीण राज्यमंत्री रामकृपाल यादव के द्वारा बिक्रम नगर पंचायत में 490 लाभार्थियों को आवास योजना के अंतर्गत कार्यादेश दिया गया था, जिसमें प्रथम चरण में लगभग 115 लाभार्थी के खाता पर पचास पचास हजार रुपये ट्रांसफर की गयी थी, जिसमें एक माह के अंदर आवास के लिए नींव की खुदाई से लेकर पीलिंथ तक का कार्य पूर्ण करना था.
लाभार्थी द्वारा प्रथम किस्त 50,000 मिलने के बाद पक्का मकान के निर्माण के लिए नींव से पीलिंथ तक कार्य पूर्ण होने के नौ माह बीत जाने के बाद भी द्वितीय किस्त की आस लगाये हुए हैं कि कब राशि मिले तो घर बनने का सपना पूर्ण हो सके. रुपये की आस में लोग नगर कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, तो कभी लाभार्थी बैंक जा कर जानकारी हासिल कर रहे हैं कि कब उनके खाते में पैसा आयेगा.
द्वितीय किस्त की आस में लोग खुले आसमान के नीचे दिन गुजारने को विवश हैं. वहीं, नगर कार्यालय द्वारा पिछले नौ माह से कार्य आदेश के बाद प्रथम किस्त अब तक 459 लाभार्थी को पचास पचास हजार रुपये खाता में ट्रांसफर किया गया, लेकिन अभी तक दूसरी किस्त नहीं मिलने से प्रधानमंत्री आवास योजना का ग्रहण लग गया है.
10 माह पूर्व पैसा मिला था, जिसको लेकर हम अपना झोंपड़ी तोड़ कर घर बनाने के लिए नींव सहित पीलिंथ लेवल तक निर्माण करा दिया, लेकिन पैसे के अभाव में मकान नहीं बन पा रहा है. पैसे के लिए बार-बार कार्यालय जाने पर केवल आश्वासन दिया जाता है. पैसे न मिलने के कारण हम पिछले 11 माह से किराये के मकान में रह रहे हैं.
भूषण राम, वार्ड नंबर छह निवासी
हमारी पत्नी रेशमी देवी को आवास योजना का लाभ मिला था. अपने झोंपड़ी को तोड़ कर घर का निर्माण किया, किंतु दूसरा किस्त नहीं मिलने से मेरा घर का निर्माण अधर में लटक गया. सोचा था कि पैसा मिल जायेगा तो जल्द घर बना लेंगे, लेकिन पैसे के अभाव में ना मेरी झोंपड़ी रही और ना मेरा घर बना.
सोनू तिकुल्हार, वार्ड नंबर दो
हमें 50,000 मिला है अपना झोंपड़ी तोड़ दी और घर के निर्माण को लेकर पीलिंथ तक काम पूर्ण कर चुका हूं. अब खुले आसमान के नीचे रह रही हूं. साड़ी से घेरा बना कर रात गुजारा करती हूं. पैसा समय पर मिलता तो अब तक घर का निर्माण पूर्ण हो गया होता.
प्रभा देवी
आवास योजना के लाभ को लेकर मैं अपनी झोंपड़ी तोड़ कर दूसरे के घर में शरण लिया हूं. अब पैसे की आस में भटक रहा हूं. ठंड के कारण मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाने से सोच कर मेरा रूह कांप उठती है.
हरि पासवान, बिजली मिस्त्री, वार्ड नंबर 11 निवासी
अभी पैसा नहीं आया है
नौ माह पूर्व कुछ लाभार्थी को पचास पचास हजार राशि भेजी गयी है. दूसरी बार पैसा आया तो पहले से प्रतीक्षित लोगों के बीच पचास पचास हजार रुपये भेजे गये. अभी पैसे का अलॉटमेंट आया नहीं है, जब पैसा आयेगा तो दूसरी किस्त दी जायेगी.
सविता सोमैया, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

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