पटना : नक्सल प्रभावित राज्यों में शुमार किये जाने वाले बिहार की पुलिस को और बेहतर करने की कवायद शुरू हो गयी है. बीच-बीच में बिहार से हुई आतंकियों की गिरफ्तारी ने भी एक तरह से संदेश दिया है कि समय रहते संभल जाइए कुल मिला कर सरकार सुरक्षा को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती.
इसी की वजह से एटीएस, एसटीएफ व विशेष शाखा इकाइयों को आधुनिक हथियार व उपकरण देने को लेकर प्रस्ताव बनाया गया. यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. इस पर भारत सरकार ने मुहर भी लगा दिया है. केंद्रीय पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद करने की शुरुआत हुई है.
इसी वित्तीय वर्ष (2017-18) के इन प्रस्तावों पर भारत सरकार ने मुहर भी लगा दी है. धनराशि मिलते ही काम शुरू किया जायेगा. इस प्रस्ताव में अलग-अलग बिंदुओं पर काम होना है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में केंद्रीय पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 25.21 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे. इसमें से 10.97 करोड़ राज्यांश और शेष केंद्रांश की राशि है. इस राशि से पुलिस अधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी है.
भेजा गया प्रस्ताव
जिला पुलिस इकायों में परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बाइक, मिनी बस, बड़ी बस, कैदी वैन, दंगा नियंत्रण वाहनों की खरीद.
पुलिस संचार व्यवस्था को डिजिटल मोड वायरलेस सेट उपलब्ध कराना.
भागलपुर-मुजफ्फरपुर में नवस्थापित क्षेत्रीय एफएसएल प्रयोगशाालाओं को उपकरण उपलब्ध कराना.
नक्सल विरोधी अभियान के लिए रणनीतिक महत्व के सुरक्षा उपकरण.
बिहार पुलिस के एटीएस, एसटीएफ एवं विशेष शाखा इकाइयों को आधुनिक हथियार व उपकरण देना.