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बिहार : राज्य के 27 सरकारी विभाग टैक्स डिफॉल्टर
मुख्य सचिव को पत्र लिख आयकर ने केस करने की मांगी अनुमति पटना : आयकर या टीडीएस जमा नहीं करने वाले डिफॉल्टरों की सूची में आम लोगों, निजी संस्थानों के साथ-साथ राज्य सरकार के 27 विभाग भी शामिल हैं. टीडीएस कटौती करने में बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने या टीडीएस काटने के बाद भी इसे […]
मुख्य सचिव को पत्र लिख आयकर ने केस करने की मांगी अनुमति
पटना : आयकर या टीडीएस जमा नहीं करने वाले डिफॉल्टरों की सूची में आम लोगों, निजी संस्थानों के साथ-साथ राज्य सरकार के 27 विभाग भी शामिल हैं. टीडीएस कटौती करने में बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने या टीडीएस काटने के बाद भी इसे जमा नहीं करने के आरोप में आयकर विभाग ने इन विभागों पर मामला दर्ज कराने की तैयार कर ली है.
इसके लेकर सूबे के मुख्य सचिव को आयकर विभाग ने बकायदा पत्र लिखकर मामला दर्ज कराने की अनुमति तक मांग ली है.बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (पीसीसीएफ) केशव चंद्र घुमारिया ने मंगलवार को यह जानकारी आयकर भवन के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि टीडीएस कटौती या कटौती के बाद भी इसे जमा नहीं करने के बड़े स्तर पर मामले सामने आये हैं.
इसे लेकर एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गयी थी, जिसमें सरकारी अधिकारी से लेकर आम लोगों तक को बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि जांच में यह बात सामने आयी है कि टीडीएस जमा करने में सरकारी महकमा भी उतनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसी कारण करोड़ों रुपये का बकाया इन विभागों में हो गया है.
टेंडर की प्रक्रिया से लेकर जमीन रजिस्ट्री तक के मामलों में सबसे ज्यादा टैक्स चोरी की बात सामने आती है. नियमानुसार, 50 लाख से ज्यादा कीमत की किसी जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री पर एक फीसदी टीडीएस जमा काटना अनिवार्य होता है, लेकिन इसका पालन कहीं नहीं होता है. पीसीसीएफ ने कहा कि बिहार और झारखंड मिलाकर टीडीएस जमा नहीं करने वाले सरकारी विभागों की संख्या 46 है.
निजी और सरकारी 83 ऐसे संस्थान हैं, जिनके खिलाफ टैक्स जमा नहीं करने की वजह से मामला दर्ज कराने की पहल शुरू हो चुकी है. बिहार में पैक्स धान खरीद करते हैं, जिसके एेवज में इन्हें कमीशन मिलता है. इस पर भी टीडीएस जमा नहीं किया जाता. बालू के व्यापार में भी टीडीएस जमा करने में गड़बड़ी होती है. नेता, व्यापारी से लेकर किसी स्तर के व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा.
– टीडीएस संग्रह का टारगेट 19 फीसदी ज्यादा : टीडीएस संग्रह में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 19 फीसदी ज्यादा का टारगेट है.टीडीएस कलेक्शन में पिछले वित्तीय वर्ष में इस समय तक पांच हजार 15 करोड़ रुपये संग्रह कर लिये गये थे. लेकिन इस वर्ष अब तक चार हजार 876 करोड़ ही संग्रह हुआ है. इस वर्ष बिहार-झारखंड से टैक्स संग्रह का टारगेट 13 हजार 200 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें आठ हजार 500 करोड़ रुपये सिर्फ टीडीएस से ही संग्रह करने का लक्ष्य है.
ऑपरेशन क्लीन मनी में व्यापक अभियान जल्द
ऑपरेशन क्लीन मनी के अंतर्गत राज्य में जल्द ही व्यापक अभियान चलेगा. बड़े बकायदारों के यहां सर्च की बड़ी कार्रवाई होगी. नोटबंदी के बाद से राज्य में 10 हजार बैंक एकाउंट ऐसे सामने आ चुके हैं, जिनमें दो लाख से अधिक रुपये जमा हुए हैं. इन्हें नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, 10 लाख से ज्यादा रुपये जमा करने वाले साढ़े तीन हजार बैंक खातों का भी पता चला है. इसमें कोलकाता की दर्जनों फर्जी कंपनी से शेयर प्रिमियम और लोन के रूप में पैसे लेन-देन के मामले सामने आये हैं. इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी किया जायेगा. आयकर रिटर्न फाइल नहीं करने वालों को भी नोटिस दिया जा रहा है.
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पांच लाख 25 हजार नये आयकर दाताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें दो लाख को जोड़ना बचा हुआ है. अपनी वास्तविक आय को कृषि आय के रूप में दिखाकर टैक्स चोरी करने वाले 400 लोगों को आयकर विभाग ने पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.
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