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बिहार : भरपूर खुराक के बाद भी महिलाएं भोग रहीं कमजोर सेहत का दंश

अनुपम कुमारी पटना : सेहत के लिए जरूरी खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री होने के बाद भी प्रदेश की महिलाएं कमजोर सेहत का दंश झेल रही हैं. रक्त की कमी और रक्तचाप की समस्या महिलाओं में बड़े स्तर पर है. महिला स्वास्थ्य पर आयी एक हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. […]

अनुपम कुमारी
पटना : सेहत के लिए जरूरी खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री होने के बाद भी प्रदेश की महिलाएं कमजोर सेहत का दंश झेल रही हैं. रक्त की कमी और रक्तचाप की समस्या महिलाओं में बड़े स्तर पर है. महिला स्वास्थ्य पर आयी एक हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. आश्चर्य की बात यह है कि गंगा के उर्वर मैदान में बसे इस प्रदेश में हरी साग-सब्जियों के साथ-साथ मछलियों की भरमार के बाद भी महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर बनी हुई हैं.
अलबत्ता नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट 2015-16 की बात करें, तो राज्य की 60.3% महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं. वहीं, 4.2% महिलाएं ब्लड प्रेशर की शिकार हैं. दिलचस्प बात यह है कि ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अंडर वेट (सामान्य से कम) और शहरी महिलाएं ओवर वेट (सामान्य से अधिक) हैं. डॉक्टरों की मानें, तो राज्य में पोषक तत्वों के प्रति महिलाएं सचेत नहीं हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
-सुबह का नाश्ता कभी मिस न करें
-आयरन युक्त आहार का सेवन
करने के बाद चाय और कॉफी का सेवन न करें
-विटामिन ए और डी जो कि फैट में ही घुलनशील हैं, उनका सेवन भी जरूर
करें
-हरी साग-सब्जियों में भरपूर
आयरन की मात्रा होती है, प्रोटीन का बेहतर स्रोत मछली, दूध, पनीर या सोया है
भरी थाली के बावजूद मिलता है कम पोषण
बिहार में पोषक तत्व युक्त भोजन लेने के बजाय लोगों में थाली भर कर खाने की आदत है. इससे महिलाएं संतुलित भोजन नहीं ले पाती हैं. उनकी थाली में रोटी और चावल की मात्रा तो होती है, पर दाल और हरी सब्जियां न के बराबर होती हैं. महिलाएं पुरुषों को खिला कर ही घर का बचा-खुचा और देर से खाना खाती हैं.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की महिलाओं का स्वास्थ्य
महिलाआें में खान-पान को लेकर जागरूकता का अभाव है. वहीं, संस्कृति और सामाजिक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी होने से पूजा-पाठ और पति को काम पर भेजने के बाद भोजन करना अादि कई कारणों से महिलाएं देर से भोजन करती हैं. भोजन में कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, तेल, विटामिन और खनिज की मात्रा जरूरी है.
डॉ सुधाकर मिश्रा, न्यूट्रिशियन
विशेषज्ञ बोलीं
गरीब और अमीर दोनों तबके की महिलाओं में प्रॉपर और संतुलित आहार को लेकर जानकारी का अभाव है. वहीं, बदलती दिनचर्या भी लोगों को संतुलित आहार से दूर कर रही है.
बच्चों को भी भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पाता है. 60 फीसदी स्कूली बच्चियां पोषक युक्त नाश्ते से दूर हैं. क्योंकि सुबह या तो हल्का नाश्ता लेकर वह स्कूल चली जाती हैं या फिर स्कूल में लंच के दौरान वह सुबह का ब्रेकफास्ट लेती हैं.
– डॉ अमिता सिन्हा, एनएमसीएच

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