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मनुष्य अपने जीवन में यज्ञ जरूर करे
पटना : लोग बुरे कर्म को छिपाते हैं तथा अच्छे कर्म को बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं. कोई छोटा सा दान भी देता है, तो उसको बढ़ा कर बताता है. जो आया है, उसे जाना ही है. अतः हमें जाने की तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए. यह अच्छे कर्मों द्वारा ही हो सकता है. […]
पटना : लोग बुरे कर्म को छिपाते हैं तथा अच्छे कर्म को बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं. कोई छोटा सा दान भी देता है, तो उसको बढ़ा कर बताता है. जो आया है, उसे जाना ही है. अतः हमें जाने की तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए.
यह अच्छे कर्मों द्वारा ही हो सकता है. इस कारण मनुष्य को अपने जीवन में यज्ञ अवश्य करना चाहिए. शक्तिधाम दादी मंदिर में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दूसरे दिन श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित राधेश्याम जी शास्त्री ने अपने प्रवचन में यह संदेश दिया. उन्होंने अमृतमयी वाणी में दिव्य कथा श्रीमद्भागवत में कपिलोपख्यान, सती एवं ध्रुव चरित्र के बारे में विस्तार से बताया. कथा में मुख्य यजमान अधिवक्ता हरिश्चन्द्र प्रसाद, शीला देवी, चन्द्र प्रकाश सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे. सोमवार को कथा के तीसरे दिन भारत कथा, प्रहलाद चरित्र व नरसिंह अवतार की कथा सुनायी जायेगी.
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