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बिहार : ग्रामीण इलाकों में नहीं चल रहे एक-दो के सिक्के
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा पैसे को लेकर बढ़ी परेशानी, बैंकों में भी निर्देश का पालन नहीं पटना : विजय कुमार वैशाली जिले के राजापाकर स्थित फतेहपुर फुलवरिया के रहनेवाले हैं. वे पिछले कई दिनों से खुदरा पैसे से सामान खरीदना चाहते हैं, लेकिन दुकानदार उस पैसे के बदले उन्हें सामान नहीं दे रहे […]
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा पैसे को लेकर बढ़ी परेशानी, बैंकों में भी निर्देश का पालन नहीं
पटना : विजय कुमार वैशाली जिले के राजापाकर स्थित फतेहपुर फुलवरिया के रहनेवाले हैं. वे पिछले कई दिनों से खुदरा पैसे से सामान खरीदना चाहते हैं, लेकिन दुकानदार उस पैसे के बदले उन्हें सामान नहीं दे रहे हैं. ऐसा नहीं ये इनके पास पड़े खुदरा पैसे खोटे हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदार खुदरा पैसे के बदले सामान नहीं दे रहे हैं.
यह स्थिति सिर्फ वैशाली जिले में ही नहीं, बल्कि राज्यभर के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में है. ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार लोगों से एक-दो रुपये का सिक्का नहीं ले रहे हैं. वे सीधे कहते हैं कि इस खुदरा पैसे को तो थोक विक्रेता भी नहीं लेते हैं, तो वे लेकर क्या करेंगे. वहीं, थोक विक्रेता कहते हैं कि बैंकों में खुदरा पैसे नहीं लिये जाते हैं, जिसकी वजह से वे खुदरा दुकानदारों से खुल्ले पैसे नहीं लेते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक कहते हैं कि चेंज पैसे गिनने में समय लगता है और उनके पास इतने कर्मचारी नहीं हैं कि चेंज पैसे ले सकें. बैंक पांच-दस रुपये के सिक्के तो ले रहे हैं, लेकिन एक-दो रुपये के सिक्के गिने-चुने बैंकों में ही लिये जा रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा पैसे नहीं चलने से सबसे ज्यादा किसानों व निम्न वर्ग के लोगों को परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार नोटबंदी की तरह एक-दो के सिक्के को भी बंद करने की सूचना दे और बैंकों में यह ले लिये जाये. इससे सिक्के सीधे बैंकों में चले जायेंगे.
अमोद कुमार निराला, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश पंच-सरपंच संघ
200 रुपये के लिए एटीएम तैयार होने में लगेंगे तीन माह
पटना : भारतीय रिजर्व बैंक का पूरा ध्यान अब छोटे वैल्यू वाले नोटों की संख्या बढ़ाने पर है. इसी दिशा में रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक व निजी बैंकों से कहा है कि वे एटीएम को 200 रुपये के नये नोटों के लिए तैयार करें. इस संबंध में रिजर्व बैंक ने पिछले तीन माह में दो बार बैंकाें को पत्र लिखा है, लेकिन अधिकांश बैंक प्रबंधन ने कोई रुचि नहीं दिखायी है. स्टेट बैंक को छोड़ कर किसी अन्य बैंक ने एटीएम कैलिब्रेशन का काम शुरू नहीं कराया है. बैंक अधिकारियों की मानें, तो इस काम में बैंकों को लगभग दो से तीन माह का समय लगेगा. राज्य भर में 6752 से अधिक एटीएम को तैयार करना होगा.
– अगस्त में जारी किया गया था 200 रुपये का नोट : आरबीआई ने 200 रुपये का नोट अगस्त में जारी किया था. तब रिजर्व बैंक ने कहा था कि 200 रुपये का नया नोट नवंबर से मिलने लगेगा. लेकिन, इसकी डेडलाइन बढ़ गयी. एसबीआई ने पहल करते हुए एटीएम को इस नोट के लिए तैयार किया.
– एटीएम में बदलाव की प्रक्रिया आसान नहीं : एटीएम के माध्यम से 200 रुपये का नोट मिलने में इसलिए देर हो रही है, क्योंकि अधिकांश बैंक ने अब तक अपने एक भी एटीएम को अपग्रेड का काम शुरू ही नहीं किया है. अधिकारियों का कहना है कि एटीएम में बदलाव की प्रक्रिया आसान नहीं है. यह जटिल और समय लेनेवाली प्रक्रिया है.
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