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बिहार : डॉल्फिन बचाने वालों को राज्य सरकार करेगी सम्मानित
पटना : गंगा की लाइफलाइन कही जाने वाली डॉल्फिन को बचाने के लिए राज्य सरकार ने नया कार्यक्रम लागू कर दिया है. इसके तहत इस जलीय जीव को बचाने वालों को 2500 से 20,000 रुपये तक की राशि दिये जाने का प्रावधान है. इसका बड़ा फायदा यह होगा कि डॉल्फिन को बचाने वाले लोग सामने […]
पटना : गंगा की लाइफलाइन कही जाने वाली डॉल्फिन को बचाने के लिए राज्य सरकार ने नया कार्यक्रम लागू कर दिया है. इसके तहत इस जलीय जीव को बचाने वालों को 2500 से 20,000 रुपये तक की राशि दिये जाने का प्रावधान है.
इसका बड़ा फायदा यह होगा कि डॉल्फिन को बचाने वाले लोग सामने आयेंगे और इस दिशा में प्रयास किये जाने के लिए सूचना तंत्र विकसित होगा. इस कार्यक्रम को लागू करने में वन विभाग से जुड़े क्षेत्रीय पदाधिकारियों पर सारी जिम्मेदारी है. इसलिए अब उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है. इस कार्यक्रम के तहत अधिकतम डॉल्फिन बचाने वालों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 2500 रुपये दिये जायेंगे.
जिन मछुआरों के जाल में डॉल्फिन फंसेगी और जाल काटकर इस जलीय जीव को नदी में छोड़ने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में 2500 रुपये और जाल की कीमत की भरपायी
का अंतरिम भुगतान 5000 रुपये किया जायेगा. इस तरह उन्हें शुरुआती दौर में 7500 रुपये मिलेंगे. बाद में 15 दिनों में जांच के बाद जाल की कीमत के रूप में अधिकतम 17,500 रुपये दिये जायेंगे.
नदी के स्वास्थ्य का प्रतीक है डॉल्फिन
डॉल्फिन एक तरह से स्वच्छता का मीटर हैं. इसके शरीर कई ऐसे खतरनाक रसायनों की जानकारी सहज मिलती है, जो पानी के नमूने में नहीं मिलता. भागलपुर जिले में इसके संरक्षण के लिए सुल्तानगंज से कहलगांव के बीच विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य बनाया गया है.
कितनी है संख्या
वन एवं पर्यावरण विभाग के सूत्रों की मानें तो वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने के बाद इस समय देश में करीब दो हजार डॉल्फिन हैं. नवंबर, 2016 तक की गयी गणना के अनुसार प्रदेश के गंगा में इस जीव की संख्या करीब 260 थी. वहीं साल 2015 में करीब 250 थी. हर साल इनकी संख्या में 30-40 की बढ़ोतरी की संभावना जतायी जा रही थी.लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.
मोदी ने की थी घोषणा
पांच अक्तूबर को आयोजित डॉल्फिन दिवस समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि सरकार डॉल्फिन को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. अगले साल से डॉल्फिन सप्ताह सूबे के महत्वपूर्ण स्थलों पर मनाया जायेगा. डॉल्फिन को बचाने वाले मछुआरों को सरकार सम्मानजनक राशि देगी. इस अवसर पर उन्होंने पिछले साल डॉल्फिन बचाने वाले तीन मछुआरों को सम्मानित करने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग को निर्देश दिया था.
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