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बिहार : थारू महिलाओं की बनेगी बटालियन, जनवरी में परीक्षा, बगहा में होगा मुख्यालय
राजेश कुमार सिंह पटना : प्रदेश की आबादी में दो प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली जनजातीय समुदाय की आबादी के लिए खुशखबरी है. इस समुदाय की महिला बटालियन बनेगी, जिसका नाम महिला स्वाभिमान बटालियन होगा. चूंकि उत्तर बिहार के कई जिलों में जनजातीय आबादी है, खासतौर से इसमें अधिकतर आबादी थारू जनजाति की ही है, इसलिए […]
राजेश कुमार सिंह
पटना : प्रदेश की आबादी में दो प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली जनजातीय समुदाय की आबादी के लिए खुशखबरी है. इस समुदाय की महिला बटालियन बनेगी, जिसका नाम महिला स्वाभिमान बटालियन होगा.
चूंकि उत्तर बिहार के कई जिलों में जनजातीय आबादी है, खासतौर से इसमें अधिकतर आबादी थारू जनजाति की ही है, इसलिए इसका सबसे अधिक लाभ सीधे तौर पर थारू जनजाति की महिलाओं को मिलेगा. महत्वपूर्ण यह भी है कि नियुक्ति प्रक्रिया के लिए नये साल जनवरी में परीक्षा भी होगी. पश्चिम चंपारण के बगहा के बाल्मिकीनगर में स्वाभिमान बटालियन का मुख्यालय होगा. 992 पदों पर स्थायी बहाली होगी, शेष निचले कुछ पदों के लिए संविदा पर नियुक्ति करने की तैयारी है.
सूबे में अधिसूचित सभी जनजातियों की महिलाओं को इसमें शामिल किये जाने का प्रावधान किया गया है. बटालियन में डॉक्टर, क्लर्क, स्टेनो, वायलेस ऑपरेटर का अलग सेक्शन होगा. संविदा के आधार पर नियुक्तिवाले पद धोबी, नाई, रसोइये, बढ़ई आदि होंगे. प्रत्येक साल 36.36 करोड़ रुपये का खर्च सरकार वहन करेगी.
महिलाओं के लिए दूसरी सशस्त्र बटालियन
एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने बताया कि महिला स्वाभिमान पुलिस बटालियन बनाने की कवायद काफी पहले शुरू हुई थी. इसको लेकर तमाम स्तरों पर तैयारियां हुईं, तब जाकर निर्णय हो सका. इसमें अनुसूचित जन जाति की महिलाएं ही होंगी. बिहार में अधिसूचित अनुसूचित जनजाति में सिर्फ थारू हैं. महिलाओं के लिए यह दूसरी सशस्त्र बटालियन होगी. अभी बीएमपी में महिला बटालियन है.
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