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बिहार : सूबे में पहली बार टाइगर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग
कवायद l 26, 27 और 28 दिसंबर को वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में आयोजन पटना : बाघों के बेहतर पालन-पोषण, देखभाल और वैज्ञानिक तरीके से साल 2018 में उनकी संख्या का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए इनके ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिए बिहार में पहली बार वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में तीन […]
कवायद l 26, 27 और 28 दिसंबर को वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में आयोजन
पटना : बाघों के बेहतर पालन-पोषण, देखभाल और वैज्ञानिक तरीके से साल 2018 में उनकी संख्या का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए इनके ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिए बिहार में पहली बार वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत 26 दिसंबर से होगी. इसमें तीन राज्यों बिहार, यूपी और उत्तराखंड में मौजूद टाइगर रिजर्व के करीब 200 ट्रेनर्स शामिल हो रहे हैं.
इसमें शामिल होने वालों का स्किल डवलपमेंट भी होगा. प्रदेश सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की देखरेख में हर चार साल में होता है. इस बार देश के अलग-अलग सात टाइगर रिजर्व में अलग-अलग तिथियों में यह कार्यक्रम तय किया गया है. इन सभी में 20 राज्यों के टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं.
क्यों जरूरी है ऐसा प्रशिक्षण
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जंगल का दायरा बहुत बड़ा होता है. कई राज्यों के जंगलों की सीमा भी एक-दूसरे से मिलती है. कई जगह तो हमारे पड़ोसी देश जैसे नेपाल और भूटान की सीमा भी हमारे देश से मिलती है. जंगलों के जानवरों का आना-जाना लगा रहता है.
ऐसे में एक राज्य विशेष में बाघों की आबादी की गणना मुश्किल होती है. इसलिए पड़ोसी राज्य और देश के अधिकारियों का एक-दूसरे से जुड़े रहकर मदद करने के बाद ही इस काम में पूर्णरूपेण सफलता मिलती है. इसलिए बाघों की आबादी की गणना करने वालों को वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल करना आना चाहिए. इसमें ड्रोन और जीपीएस जैसे उपकरणों की मदद लेने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है.
प्रदेश सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक भारत ज्योति ने बताया कि ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स कार्यक्रम का आयोजन हर चार साल में देश स्तर पर किया जाता है. इस बार बिहार के वीटीआर में तीन राज्यों के करीब 200 ट्रेनर्स शामिल होंगे. उन सभी को बाघों के बारे में विशेष जानकारी दी जायेगी.
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