इलाज का खेल. बिना डिग्री बन गये डॉक्टर, स्टेट बोर्ड ऑफ होम्योपैथी में दर्ज सूची से खुलासा
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होम्योपैथी के नाम पर सेहत से खिलवाड़
इलाज का खेल. बिना डिग्री बन गये डॉक्टर, स्टेट बोर्ड ऑफ होम्योपैथी में दर्ज सूची से खुलासा पटना : पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों होम्योपैथी इलाज के नाम पर मरीजों को लूटने का काम चल रहा है. यह गोरखधंधा कोई और नहीं बल्कि झोलाछाप होम्योपैथी के डॉक्टर कर रहे हैं. बिना डिग्री जहां […]
पटना : पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों होम्योपैथी इलाज के नाम पर मरीजों को लूटने का काम चल रहा है. यह गोरखधंधा कोई और नहीं बल्कि झोलाछाप होम्योपैथी के डॉक्टर कर रहे हैं. बिना डिग्री जहां मर्जी बोर्ड टांग ये डॉक्टर बिना रोक-टोक के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. खास कर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में उलझे हुए हैं. इन पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय होम्योपैथी चिकित्सा परिषद का गठन किया गया है. लेकिन परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक फर्जी होम्योपैथी के डॉक्टरों पर छापेमारी नहीं की है.
सीसीएच से मिलीभगत, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ : बिहार में कितने फर्जी होम्योपैथी के डॉक्टर हैं और वह कैसे मरीज का इलाज कर रहे हैं इसकी जांच का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग, केंद्रीय होम्योपैथी चिकित्सा परिषद व बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ होम्योपैथी का है. सूत्रों की मानें तो सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी यानी सीसीएच से मिलीभगत के चलते पटना सहित पूरे बिहार में आज तक होम्योपैथी के डॉक्टरों पर जांच के लिए किसी तरह की छापेमारी नहीं की गयी है. सूत्रों के अनुसार छापेमारी के बदले सीसीएच को मोटा कमीशन पहुंचता है.
बिना डिग्री चला रहे अस्पताल व क्लिनिक : बिहार में 13,359 ऐसे डॉक्टर हैं, जो बिना डिग्री के ही अपना अस्पताल व क्लिनिक चला रहे हैं. इस बात का खुलासा बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ होम्योपैथी कार्यालय में दर्ज सूची के आधार पर हुआ है. इन डॉक्टरों के पास होम्योपैथी पढ़ाई का कोई डिग्री व डिप्लोमा नहीं है. सिर्फ अनुभव के आधार पर ये डॉक्टर बन गये हैं.
बिहार में 17,769 डॉक्टरों के पास है होम्योपैथी की डिग्री
बिना मेडिकल की डिग्री लिये 13,359 डॉक्टर चला रहे होमियोपैथी अस्पताल व क्लिनिक
डॉक्टर व सीसीएच से मिलीभगत के चलते अस्पतालों पर नहीं की जाती छापेमारी
पटना सहित पूरे बिहार में 17,769 डॉक्टर ही योग्यताधारी हैं. इन डॉक्टरों के पास बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन ऑफ सर्जरी (बीएचएमएस) की पढ़ाई की डिग्री है. यह खुलासा बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ होम्योपैथी कार्यालय में दर्ज मतदाता सूची के आधार पर हुआ है. इनमें से कुछ डॉक्टरों के पास बीएचएमएस की डिग्री है. जबकि बिहार में 15 हजार से अधिक ऐसे होम्योपैथ झोलाछाप डॉक्टर हैं, जो अपना अस्पताल संचालित कर रहे हैं.
वोट बैंक का लालच, नहीं होती है जांच : सूत्रों की मानें, तो फर्जी झोलाछाप डॉक्टर भी सीसीएच के चुनाव में अपना वोट डालते हैं. वोट देने के बदले डॉक्टर जांच नहीं करने के लिए वैसा नेता चुनते हैं, जो उनका साथ दे. यही वजह है कि आज तक होम्योपैथी के डॉक्टरों के अस्पताल, क्लिनिक व डिग्री को लेकर जांच नहीं होती है. हालांकि इस मामले को लेकर डिग्रीधारी डॉक्टर कई बार जांच की मांग कर चुके हैं.
इनका कहना है
बिना डिग्री व डिप्लोमा के आधार पर ये डॉक्टर मरीजों का इलाज कैसे करते होंगे, यह समझ से परे हैं. लेकिन जिन डॉक्टरों के पास डिग्री व डिप्लोमा नहीं हैं, उनको राज्य स्वास्थ्य समिति प्रशिक्षण दे. प्रशिक्षण सर्टिफिकेट देनेवाले डॉक्टरों को ही इलाज करने के लिए आदेश जारी करे. साथ ही वोट बैंक के नाम पर हो रहे इस खेल की जांच आयुष मंत्रालय को करना चाहिए. ताकि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास बना रहे.
डॉ दाऊद अली, अध्यक्ष, बिहार राज्य होम्योपैथिक संघ
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