पटना : बिहार कैबिनेट ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा छात्रवृत्ति एवं मेधावृत्ति योजना का संचालन शिक्षा विभाग के जरिये और डीबीटी के माध्यम राशि को सीधे लाभुकों के बैंक खाता में हस्तांतरित किये जाने को आज मंजूरी प्रदान कर दी. साथ हीकैबिनेट ने राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद एवं विभिन्न नगर निकायों में अवस्थित राजकीय, राजकीयकृत, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन होने तक स्वीकृत एवं रिक्त पदों (4257) पर अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, रसायण शास्त्र, प्राणी शास्त्र एवं वनस्पति शास्त्र विषय के लिए अतिथि शिक्षकों की सेवा निर्धारित पारिश्रमिक पर उपलब्ध कराने की स्वीकृति की प्रदान कर दी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्यकैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इन रिक्त 4257 पदों में से अंग्रेजी के 1041, गणित के 791, भौतिकी के 1024, रसायण शास्त्र के 974, प्राणी शास्त्र के 132 एवं वनस्पति शास्त्र के 290 पद शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक इन शिक्षकों को 35 हजार, 30 हजार, 13 हजार और 14 हजार महीने राशि दी जायेगी.
ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से विद्यालय छात्रवृत्ति योजना तथा मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृत्ति योजना का संचालन शिक्षा विभाग के माध्यम से करने एवं डीबीटी के माध्यम से राशि को सीधे लाभुकों के बैंक खाता में हस्तांतरित करने को स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित दर पर डीबीटी के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18 में छात्रवृत्ति योजना (नवीकरण एवं नवीन) का संचालन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के स्तर से करने एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 से इस योजना का संचालन शिक्षा विभाग के स्तर से करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है.
ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना का संचालन शिक्षा विभाग के माध्यम से करने तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 से डीबीटी के माध्यम से राशि को सीधे लाभुकों के बैंक खाता में हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है.