पटना : देश में नवजात मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण संक्रमण है. शिशु मृत्यु दर में 50 प्रतिशत बच्चे नवजात संक्रमण, 30 प्रतिशत सांस लेने में परेशानी और 20 प्रतिशत समय से पहले डिलेवरी के कारण जिंदा नहीं रह पाते हैं. जन्म के बाद अस्पताल में रहने के दौरान संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए जरूरी है कि प्रसव सुरक्षित व प्रशिक्षित हाथ से होना चाहिए.
उक्त बातें रविवार को होटल पाटलिपुत्र में आयोजित यूनिसेफ व नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम (एनएनएफ) की संयुक्त बैठक में फोरम के सचिव डॉ विक्रम दत्ता ने कहीं. उन्होंने कहा कि इस दौरान एनएनएम को भी ट्रेनिंग दी जायेगी ताकि वे सुरक्षित प्रसव करा सकें. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण कुमार ठाकुर ने कहा कि फोरम की मीटिंग में आये निर्णय के आधार पर शिशु मृत्यु दर रोकने के लिये नया नियम बनेगा. मौके पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ श्रवण कुमार, डॉ उत्पलकांत व डॉ श्रीवास्तव समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे.