बिहार : राज्य में सबसे ज्यादा जमीन विवाद से परेशान हैं लोग

लोक शिकायत निवारण : नहीं हो रहा शिकायतों का निबटारा पटना : राज्य में जमीन विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा हैं और इस तरह की शिकायतों से आम लोग सबसे ज्यादा परेशान भी हैं. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम कानून के अंतर्गत प्राप्त होनेवाली शिकायतों में भी सबसे ज्यादा मामले जमीन विवाद से जुड़े […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2017 6:45 AM
लोक शिकायत निवारण : नहीं हो रहा शिकायतों का निबटारा
पटना : राज्य में जमीन विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा हैं और इस तरह की शिकायतों से आम लोग सबसे ज्यादा परेशान भी हैं. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम कानून के अंतर्गत प्राप्त होनेवाली शिकायतों में भी सबसे ज्यादा मामले जमीन विवाद से जुड़े ही आते हैं.
जमीन विवाद में भी देखें, तो सबसे ज्यादा मामले सरकारी जमीन पर ही अतिक्रमण और निजी जमीन पर कब्जा या इसे लेकर विवाद से जुड़े शामिल हैं. राज्य में यह कानून 5 जून 2016 से शुरू हुआ है. इसके बाद से अब तक दो लाख 47,113 शिकायतें आयी हैं, जिनमें दो लाख 25,207 शिकायतों का निपटारा हो चुका है. इसमें महज 11 शिकायतें ही ऐसी हैं, जिनका निपटारा 60 दिन से अधिक समय से नहीं हुआ है. 19,443 मामले ऐसे हैं, जो 60 दिनों से कम समय से लंबित पड़े हैं. इतनी बड़ी संख्या में प्राप्त होनेवाली शिकायतों में सबसे ज्यादा 60 फीसदी से ज्यादा मामले सिर्फ जमीन विवाद से ही जुड़े हुए हैं.
जमीन से जुड़े मामलों में अधिकतर ऐसे मामले होते हैं, जो कोर्ट में लंबित पड़े होने के बावजूद भी इनकी शिकायत लोक शिकायत अधिनियम में कर दी जाती है, जिस वजह से इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग से जुड़ी शिकायतों के बाद जमीन अतिक्रमण की शिकायतें भी सबसे ज्यादा प्राप्त होती हैं. इतना ही नहीं अब तक 1518 जमीन के मामले डिप्टी सीएम के पास आये हैं.
5 मुद्दों की शिकायतें सबसे ज्यादा
राज्य में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले सबसे ज्यादा आते हैं. इसके बाद जमीन विवाद या जमीन को लेकर मारपीट, इंदिरा आवास योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना, जन वितरण प्रणाली से जुड़ी दुकानों में धांधली और बिजली बिल में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के मामले सबसे ज्यादा जुड़े हुए हैं. इन पांच मुद्दों को लेकर जनता की तरफ से सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं.
इन पांच जिलों में सबसे ज्यादा, इनमें सबसे कम शिकायतें
लोक शिकायत के तहत जिन पांच जिलों में अब तक सबसे ज्यादा शिकायतें आयी हैं, उनमें गया (13,874), पटना (13,833), सीतामढ़ी (11,447), दरभंगा (10,004) और मधुबनी (9,424) शामिल हैं. वहीं, जिन पांच जिलों में सबसे कम शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, उनमें लखीसराय (1368), शिवहर (2314), शेखपुरा (2363), अरवल (2450) और किशनगंज (3055) शामिल हैं.
– लोक शिकायत अधिनियम में हुई अब तक कार्रवाई:
लोक शिकायत अधिनियम के तहत शिकायतों का निपटारा नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर आर्थिक दंड और अनुशासनिक कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. इसके तहत अब तक कुल 166 लोक प्राधिकारों पर चार लाख 84 हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है. जबकि कोताही बरतने के आरोप में 41 बीडीओ, सीओ समेत ऐसे अन्य लोक प्राधिकारों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित जिलों के डीएम को आदेश भी दिया जा चुका है.

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