देश के हर जू में हो नेशनल रिकॉर्ड पीकिंग सिस्टम

राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण में विशेषज्ञों का विमर्श पटना : देश के हर जू में नेशनल रिकॉर्ड पीकिंग सिस्टम होना चाहिए और उसमें रोज सभी जानकारी अपडेट होनी चाहिए. रिपोर्ट में जानवरों के हिस्ट्री कार्ड, ट्रिटमेंट कार्ड आदि होने चाहिए और यह हर एनिमल हाउस में होनी चाहिए. इसके साथ ही दवाईयां, निरीक्षण, इमरजेंसी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 8:05 AM
राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण में विशेषज्ञों का विमर्श
पटना : देश के हर जू में नेशनल रिकॉर्ड पीकिंग सिस्टम होना चाहिए और उसमें रोज सभी जानकारी अपडेट होनी चाहिए. रिपोर्ट में जानवरों के हिस्ट्री कार्ड, ट्रिटमेंट कार्ड आदि होने चाहिए और यह हर एनिमल हाउस में होनी चाहिए. इसके साथ ही दवाईयां, निरीक्षण, इमरजेंसी के हालात और सुरक्षा गार्ड के बारे में भी पूरी जानकारी हो. यह जानकारी पटना जू में विभिन्न राज्यों से आये जू के कर्मचारियों अधिकारियों को प्रशिक्षण के क्रम में बतायी गयी.
पटना जू के डॉ राजीव पांडे ने आगे बताया कि जानवरों के हेल्थ कार्ड में तापमान, हर्ट बीट, मसल रिफलेक्स, सांस की गति लगातार मेंटेन रहे. उन्होंने बताया कि हर जू में निदेशक की अध्यक्षता में हेल्थ एडवाइजरी कमेटी बनी रहे. इसमें स्वच्छता, साफ-सफाई, रोग निरोधक, पोषण के साथ बीमार जानवरों के प्रबंधन पर लगातार रिपोर्ट बनती रहनी चाहिए. इसमें केवल वेटनरी डॉक्टर नहीं बल्कि सभी वन अधिकारी, क्यूरेटर आदि भी भाग लें. रिकॉर्ड कीपिंग में भोजन, जन्म तिथि, पहचान चिह्न, स्टडी बुक नंबर होना चाहिए.
जानवर भागे तो बुरी बात
जू से यदि जानवर भाग जाये तो यह बहुत बुरी स्थिति है. आप सबको यह ध्यान रखना होगा कि कहां कमजोर कड़ी है? रेगुलर जांच आवश्यक है.
इससे कमियां पता चलती है. पांडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक बार चिंपाजी ने शेड को गिरा दिया क्योंकि वह कमजोर हो गया था और वह ऊपर उछल कर भाग गया. हालांकि केयरटेकर के बेहतर संबंध के कारण वह जू से भागा नहीं. यानी पुरानी लकड़ियां और जाला आदि बदलते रहें. प्रशिक्षण में पटना जू के निदेशक कंवलजीत सिंह, मुंबई जू के अनिल परांजपे, भोपाल जू के एसएस अनवर, चेन्नई जू के एम शेखर, त्रिवेंद्रम जू के अनिल कुमार, मैंगलोर जू के कुशल एन सहित अन्य मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version